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अबतक 20000 श्रद्धालुओं ने कराया अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन

श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त तक चलेगी। इन दिनों यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन चल रहा है। 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ है। अब तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।भक्त दो साल बाद भगवान शिव के दर्शन कर पाएंगे। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से यात्रा बंद थी। जम्मू एंड कश्मीर बैंक के एमडी और सीईओ बलदेव प्रकाश ने कहा कि रजिस्ट्रेशन शुरू होने के बाद के 13 वर्किंग डे में 20599 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।

ऐसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए श्रद्धालुओं को पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है। रजिस्ट्रेशन श्राइन बोर्ड (Shri Amarnathji Shrine Board) की वेबसाइट या मोबाइल App के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, जेके बैंक और यस बैंक की शाखाओं में होता है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहले फॉर्म भरना होगा। इसके बाद दिए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा।

ओटीपी से खुद को सत्यापित करने के बाद आवेदन प्रॉसेसिंग के लिए जाएगा। आवेदन स्विकृत होने पर आवेदक को एसएमएस मिल जाएगा। इसके बाद उसे ऑनलाइन माध्यम से ही फीस जमा करनी होगी। पैसे जमा करने के बाद श्रद्धालु को यात्रा परमिट मिल जाएगी। जो श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते वे देशभर में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), जेके बैंक और यस बैंक की 446 शाखाओं में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में पीएनबी की 6 ब्रांच और जम्मू-कश्मीर बैंक की 10 ब्रांच में पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

यात्रा पर जा रहे हैं तो क्या करें

शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करके यात्रा की तैयारी करें। यात्रा से कम से कम एक महीने पहले प्रतिदिन लगभग 4-5 किमी सुबह या शाम को सैर करें।
शरीर की ऑक्सीजन दक्षता में सुधार के लिए गहरी सांस लेने का व्यायाम और योग, विशेष रूप से प्राणायाम शुरू करें।
डिहाइड्रेशन और सिरदर्द से निपटने के लिए ढेर सारा पानी पिएं। प्रति दिन लगभग 5 लीटर तरल पदार्थ पीना चाहिए।
थकान कम करने और लो ब्लड सुगर लेवल रोकने के लिए बहुत सारे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।
यदि आपको ऊंचाई की बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगें तो तुरंत नीचे की ओर उतरें।
हाई एल्टीट्यूड सिकनेस या किसी अन्य असुविधा के किसी भी लक्षण के मामले में हर 2 किमी पर स्थित निकटतम चिकित्सा सुविधा केंद्र से तुरंत संपर्क करें।

क्या न करें

शराब और कैफीनयुक्त पेय नहीं पिएं। धूम्रपान नहीं करें।
बीमार यात्री की हर बात को स्वीकार नहीं करें, क्योंकि उसका निर्णय बिगड़ा हुआ है।
हाई एल्टीट्यूड सिकनेस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

इन बातों का ध्यान रखें

मेडिकल सर्टिफिकेट आपके राज्य में अधिकृत चिकित्सक/अस्पताल द्वारा जारी किया जाना चाहिए।
फोटो फाइल-.JPEG या .JPG ही होनी चाहिए और आकार 1MB से अधिक नहीं होना चाहिए।
मेडिकल सर्टिफिकेट को स्कैन करके पीडीएफ फॉर्मेट में ही रजिस्टर करते समय अपलोड किया जाना चाहिए। साइज 1 एमबी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
13 वर्ष से कम और 75 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों को अनुमति नहीं है।
6 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था वाली गर्भवती महिलाओं को अनुमति नहीं है।
यात्रा के दौरान अपना मूल फोटो पहचान पत्र और चिकित्सा प्रमाण पत्र अपने साथ रखें।

अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने सुनाई थी अमर कथा
बता दें कि कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में श्री अमरनाथ गुफा हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। कथा को गुफा में मौजूद 2 कबूतरों ने सुन लिया था। इस गुफा में हर साल प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है। अमरनाथ यात्रा काफी कठिन है। गुफा तक पहुंचने के लिए भक्तों को पहाड़ पर बने कठिन रास्तों पर चलना पड़ता है।

आतंकियों के निशाने पर रही है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई दो रास्तों से की जाती है। एक पहलगाम और दूसरा बालटाल से होकर जाता है। यह यात्रा पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के निशाने पर रही है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना उठाती है। पूरे रास्ते 24 घंटे सेना के जवानों की तैनाती की जाती है ताकि आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकें। इसके लिए सेना और सुरक्षा बलों को पहले से तैयारी करनी होती है। इस साल रोज 10 हजार श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए निकाला जाएगा। हेलिकॉप्टर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अलग होगी। श्राइन बोर्ड ने इस बार बालटाल से दोमेल तक 2.75 किलोमीटर यात्रा में निशुल्क बैटरी कार सेवा उपलब्ध कराने की बात कही है।

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