अन्तर्राष्ट्रीय

फ्रांस में तमिल कवि तिरुव्ल्लुवर की प्रतिमा का उद्घाटन


नई दिल्ली: भारत की संस्कृति की छाप एक बार फिर यूरोप में नजर आएगी। यूरोपीय देश फ्रांस में आज तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा का उद्घाटन हुआ। तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के स्थापना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा सांस्कृतिक संबंधों का सुंदर प्रमाण बताया है। बता दें, फ्रांस के आखिरी दौरे के दौरान पीएम मोदी ने तिरुवल्लुवर की मूर्ति स्थापना की इच्छा जाहिर की थी।

फ्रांस में भारत के दूत जावेद अशरफ ने भी ट्वीट कर प्रतिमा के उद्घाटन की जानकारी दी। जयशंकर ने बताया कि 13 जुलाई को बैस्टिल दिवस परेड के लिए पेरिस पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने मूर्ति की स्थापना की इच्छा जाहिर की थी, जिसे फ्रांस सरकार ने रविवार को पूरा कर दिया। मूर्ति की स्थापना राजधानी पेरिस के पास सेर्गी शहर में किया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम में सेर्गी के मेयर जीनडॉन और पुडुचेरी के मंत्री के लक्ष्मीनारायण सहित अन्य अधिकारी और नेता उपस्थित थे।

बता दें, उत्तर भारत में तुलसी, सूरदास, कबीर और रसखान का जो स्थान है। वही दक्षिण भारत में संत एवं प्रख्यात कवि तिरुवल्लुवर का है। दक्षिण में उनके रचित ग्रंथ और संग्रह रामचरितमानस की तरह पढ़े जाते हैं। कई विश्वविद्यालयों में संत तिरुवल्लुवर पर आधारित शोधपीठ विद्यमान है। उनका जन्म ईसा पूर्व पहली शताब्दी में हुआ था। तब से आज तक तिरुवल्लुवर के ग्रंथ दक्षिण भारत के चारों राज्यों में घर-घर विद्यमान हैं।तिरुवल्लुवर जिन्हें वल्लुवर भी कहा जाता है, एक तमिल कवि-संत थे। धार्मिक पहचान के कारण उनकी कालावधि के संबंध में विरोधाभास है सामान्यतः उन्हें तीसरी-चौथी या आठवीं-नौवीं शताब्दी का माना जाता है।

सामान्यतः उन्हें जैन धर्म से संबंधित माना जाता है। हालाँकि हिंदुओं का दावा है कि तिरुवल्लुवर हिंदू धर्म से संबंधित थे। द्रविड़ समूहों (Dravidian Groups) ने उन्हें एक संत माना क्योंकि वे जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते थे।उनके द्वारा संगम साहित्य में तिरुक्कुरल या ‘कुराल’ (Tirukkural or ‘Kural’) की रचना की गई थी। तिरुक्कुरल में 10 कविताएँ व 133 खंड शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक को तीन पुस्तकों में विभाजित किया गया है: अराम- Aram (सदगुण- Virtue) पोरुल- Porul (सरकार और समाज), कामम- Kamam (प्रेम), तिरुक्कुरल की तुलना विश्व के प्रमुख धर्मों की महान पुस्तकों से की गई है।

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