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T20 World Cup: धर्मशाला के बाद विवादों में दिल्ली का कोटला ग्राउंड, छिन सकता है सेमीफाइनल

phpThumb_generated_thumbnail (4)एजेन्सी/  दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) एक बार फिर परेशानी में है और संभावना है कि अवैध निर्माण के कारण कानूनी पचड़ें में फंसने के कारण फिरोजशाह कोटला मैदान आईसीसी ट्वंटी-20 विश्वकप में सेमीफाइनल मुकाबले की मेजबानी गंवा सकता है। 
 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कोटला में आरपी मेहरा ब्लाक को लेकर डीडीसीए से सफाई मांगी थी और क्रिकेट संघ को अपना जवाब देने के लिए रविवार रात तक की सीमा दी गई थी, लेकिन तय समयसीमा बीतने के बावजूद इसपर स्थिति साफ नहीं हुई है। 
 
बेंगलुरू में हो सकता है सेमीफाइनल
आईसीसी और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने इस पूरे मामले पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन माना जा रहा है कि विश्वकप के 30 मार्च के सेमीफाइनल मुकाबले की मेजबानी डीडीसीए से छिनने के बाद यह मैच बेंगलुरू में कराया जा सकता है। 
  
दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है मामला
दरअसल आरपी मेहरा ब्लाक ऐतिहासिक धरोहर कोटला बावली के 100 मीटर के दायरे में बना हुआ है जहां ऊपर और नीचे फ्लोर हैं जो नियमों का उल्लंघन है। डीडीसीए के एक अधिकारी ने अनौपचारिक रूप से बताया कि यह मामला डीडीसीए और भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) के बीच का मसला है जो फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित पड़ा है। 
  
डीडीसीए से मांगा गया था स्पष्टीकरण
डीडीसीए अधिकारी ने बताया कि क्रिकेट संघ को रविवार रात तक का समय दिया गया था जिसमें इस ब्लाक को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन यह मामला अदालत में है इसलिये फिलहाल डीडीसीए कुछ नहीं कह सकता है। इस ब्लाक में दर्शकों की क्षमता करीब 2200 है लेकिन मामले के अदालत में विचाराधीन होने के बाद यहां हुए पिछले मुकाबले में केवल मीडियाकर्मियों को ही बैठने की इजाजत दी गई थी। 
 
डीडीसीए को 5 करोड़ का नुकसान
डीडीसीए अधिकारी ने साथ ही कहा कि मैच को लेकर अभी तक अनिश्चिता बनी हुई है और यदि यह मुकाबला नहीं होता है तो इससे डीडीसीए को चार से पांच करोड़ रूपये तक का नुकसान हो सकता है। गौरतलब है कि आर्थिक परेशानी से जूझ रहा डीडीसीए पहले ही दिल्ली सरकार के साथ कर विवाद में फंसा हुआ है।
 

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