अन्तर्राष्ट्रीय

बढ़ रही है भारत से रूस में मास्‍को तक समुद्र मार्ग से केले के निर्यात की सुविधा

नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने समुद्र-मार्ग के माध्‍यम से भारत से रूस तक केले के निर्यात की सुविधा प्रदान की है। मुंबई में रहने वाले फलों और सब्‍जियों के निर्यातक मैसर्स गुरुकृपा कॉर्पोरेशन प्रा. लिमिटेड नियमित रूप से यूरोपीय संघ और मध्‍य पूर्व में ताजे फल और सब्‍जियों का निर्यात करता है।

आपको बता दें कि हाल ही में, रूस ने भारत से उष्णकटिबंधीय फलों की खरीद में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जिनमें से एक केला है। भारत से रूस में प्रमुख रूप से केले का आयात किया जाता है। इससे पहले रूस लैटिन अमेरिका में इक्वाडोर से केले का आयात करता था।

कौन से देश हैं भारतीय केलों के निर्यात के प्रमुख गंतव्य:

भारतीय केले के प्रमुख निर्यात स्थलों में ईरान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, उज्बेकिस्तान, सऊदी अरब, नेपाल, कतर, कुवैत, बहरीन, अफगानिस्तान और मालदीव शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, अमेरिका, रूस, जापान, जर्मनी, चीन, नीदरलैंड, ब्रिटेन और फ्रांस भारत को प्रचुर निर्यात अवसर प्रदान करते हैं।

भारत में केला उत्पादन की स्थिति : भारत में आंध्र प्रदेश केले का सबसे बड़ा उत्‍पादक राज्‍य है। यहां की मुख्‍य फसल केला है। इसके पश्‍चात महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश हैं। ये पांच राज्‍यों ने वित्तीय वर्ष 2022-2023 में भारत के केला उत्पादन में सामूहिक रूप से लगभग 67 प्रतिशत का योगदान दिया।

केले के वैश्विक निर्यात में भारत की स्थिति: केले का सबसे बड़ा वैश्विक उत्पादक होने के बावजूद, भारत बड़ी मात्रा में विश्‍व को केले निर्यात नहीं करता। वैश्विक बाजार में भारत का निर्यात हिस्सा केवल एक प्रतिशत है, जबकि विश्व के केला उत्पादन (35.36 मिलियन मीट्रिक टन) में देश की हिस्सेदारी 26.45 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, भारत ने 176 मिलियन अमरीकी डॉलर केले का निर्यात किया, जो 0.36 मिलियन मीट्रिक टन के बराबर है।

अगले पांच वर्षों में भारत से केले का निर्यात में एक बिलियन अमरीकी डॉलर का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है। यह उपलब्धि किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करेगी और 25,000 से अधिक किसानों की आजीविका में सुधार करेगी। इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े 50,000 से अधिक एग्रीगेटर्स के लिए रोजगार सृजन का अनुमान है।

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