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इस दिन लगने जा रहा है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें समय, सूतक काल और प्रभाव

नई दिल्ली : दिवाली के अगले दिन आंशिक सूर्य ग्रहण के लगभग एक पखवाड़े बाद भारत और दुनिया के कई अन्य देशों में आठ नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रूस के अलावा एशिया के कई अन्य हिस्सों, उत्तर व दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर व प्रशांत महासागर क्षेत्र में देखा जा सकेगा।

पूर्ण चंद्र ग्रहण हर जगह नहीं दिखाई देगा और शुरुआत में अमेरिका के कुछ देशों में आंशिक चंद्र ग्रहण नजर आएगा। आठ नवंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर चंद्र ग्रहण शुरू होगा और लगभग तीन बजकर 46 मिनट पर यह पूर्ण चरण में पहुंच जाएगा। साढ़े चार बजे के आसपास चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा। पूर्ण ग्रहण पांच बजकर 11 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, जबकि आंशिक ग्रहण शाम के छह बजकर 19 मिनट के आसपास खत्म होगा। भारत के सभी हिस्सों में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा, लेकिन आंशिक और पूर्ण, दोनों ही रूपों के प्रारंभिक चरण नहीं दिखाई देंगे, क्योंकि दोनों घटनाएं तब शुरू होंगी, जब देश में चंद्रमा हर जगह क्षितिज से नीचे होगा।

कोलकाता सहित पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण के गवाह बन सकेंगे, जबकि देश के बाकी हिस्सों में लोगों को केवल ग्रहण का आंशिक चरण और उसमें होने वाली प्रगति दिखाई देगी। कोलकाता शहर में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से लगभग चार बजकर 52 मिनट पर निकलना शुरू होगा और इसके दो मिनट बाद पूरी तरह से दिखाई देगा। नयी दिल्ली में चंद्रोदय के बाद लगभग साढ़े पांच बजे से आंशिक ग्रहण देखा जा सकेगा, जिसमें चंद्रमा 66 प्रतिशत ढका नजर आएगा। भारत में अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण सात सितंबर 2025 को दिखाई देगा।

सूतक का समय

सूतक चंद्रग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। 8 नवंबर को सूतक काल सुबह 08 बजकर 20 मिनट से शुरू हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए भारत में इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य होगा। शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण में सूतक काल के नियमों का पालन करना चाहिए और ग्रहण के दौरान कई तरह की विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। विशेषकर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, ग्रहण के बाद दान-पुण्य,स्नान और अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

इस राशि पर पडेगा प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन और माता का स्वामी माना गया है। चंद्र ग्रहण का सभी राशियों की मानसिक स्थिति और जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ेगा। साल का यह आखिरी चंद्रग्रहण मेष राशि में लगेगा। ऐसे में इस राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी। साल के आखिरी ग्रहण पर बुध-शुक्र ग्रह की द्दष्टि चंद्रमा पर रहेगी। ग्रहण के दौरान कुछ लोगों को तनाव, अनिर्णय, मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।

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