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आज से शुरू हो रहा माघ का महीना, इन नियमों का करें पालन, मिलेंगे शुभ परिणाम

नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ मास की शुरुआत आज 7 जनवरी 2023, शनिवार से हो रही है. माघ मास को हिंदू कलैंडर का 11वां महीना कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है. पुराणों के अनुसार माघ का महीना पहले माध का महीना कहलाता था, जो बाद में माघ हो गया. इस बार माघ का महीना 7 जनवरी से 5 फरवरी तक रहेगा.

माघ का महीना पवित्र नदी में स्नान, दान आदि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. माघ महीने में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है. इस माह में संगम पर कल्पवास भी किया जाता है जिससे व्यक्ति शरीर और आत्मा से नया हो जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में गौतम ऋषि ने इन्द्र देव को श्राप दिया था. जब इन्द्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होने गौतम ऋषि से क्षमा याचना की. गौतम ऋषि ने इन्द्र देव को माघ मास में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने को कहा. तब इन्द्र देव ने माघ मास में गंगा स्नान किया था, जिसके फलस्वरूप इन्द्र देव को श्राप से मुक्ति मिली थी. इसलिए इस महीनें में माघी पूर्णिमा व माघी अमावस्या के दिन का स्नान का विशेष महत्व है.

दान के लिए माघ के महीने को काफी शुभ माना जाता है. हालांकि इस महीने में दान करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.

जरूरी है कि आप दान कभी भी किसी दबाव में आकर ना दें.

दान हमेशा ऐसे व्यक्ति को देना चाहिए जिसे उसकी असल में जरूरत हो.

दान में दी जाने वाली सभी चीजें उत्तम कोटि की होना चाहिए.

दान में कभी भी मांस, मदिरा या नुकीली चीजें नहीं देनी चाहिए.

दान देते समय मन में हमेशा ये भाव रखें कि ये वस्तु ईश्वर की दी हुई है.

दान देते समय किसी भी व्यक्ति के लिए आपके मन में द्वेष नहीं होना चाहिए.

इस महीने में आपको सामान्य जल से स्नान करना शुरू कर देना चाहिए. इसके अलावा सुबह देर तक सोना, स्नान न करना स्वास्थ्य के लिए उत्तम नहीं होगा. इस महीने से भारी भोजन नहीं करना चाहिए. इस महीने में तिल और गुड़ का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित होता है.

माघ के महीने में रोज सुबह भगवान कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. ‘मधुराष्टक’ का पाठ करें. अपनी क्षमता अनुसार रोजाना किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं.

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