यहां विराजमान दक्षिणमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को माना जाता है काल नियंत्रक
नई दिल्ली : बुंदेलखंड क्षेत्र में कलयुग के देवता हनुमानजी महाराज की बड़ी मान्यता है. हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को संकटमोचक कहा गया है. राम भक्त हनुमान को सारे संकटों को हरने वाला कहा जाता है, साथ ही सारी मुरादें पूरी करने वाले बताया जाता है. कहा गया है कि कलयुग में जो भी हनुमान जी के सामने अपनी अर्जी लगाता है, वो कभी खाली नहीं जाती.
दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कोई भी भक्त यहां से खाली हाथ नहीं लौटता. हनुमानजी की जिस प्रतिमा जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है, वह हनुमानजी का दक्षिणमुखी स्वरूप है. दक्षिण दिशा काल यानी यमराज की दिशा मानी जाती है. हनुमानजी रुद्र यानी शिवजी के अवतार हैं, जो काल के नियंत्रक हैं. इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की पूजा करने पर मृत्यु भय और चिंताओं से मुक्ति मिलती है.
गांव के सरपंच ने बताया की यहां आदिवासी राजाओं का शासन रहा है जिनके वंशज आज भी गुबरा गांव में आदिवासी के राजा साहब मौजूद है. मन्दिर में विराजमान कलयुग के देवता हनुमान जी महाराज की पाषाण की प्रतिमा बहुत पुरानी है जिसका अता-पता किसी को नहीं है. मंदिर के चारों ओर की दीवारों पर बनी मूर्तियां को देख भी लोग चकित हो जाते है. दादा जी के दरबार में आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है.
बीते 35 वर्षों से हनुमानजी महाराज की पूजा अर्चना कर रहे दद्दा जी पुजारी ने बताया कि यह मूर्ति बहुत ही प्राचीन है. आंखों देखे कई चमत्कार ऐसे है. जिन्हें कभी झुठलाया नहीं जा सकता है यहां दूर दराज से भी भक्त आते है.