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भगवान राम के चरणों में हैं 22 चिह्न, जानें क्या हैं उनकी विशेषताएं

नई दिल्ली : भगवान राम का नाम लेते ही मन में उनके स्वरूप की छवि उभर आती है.भाव के अनुसार हर भक्त के मन में ये छवि अलग- अलग रूपों में होती है, जिसमें ध्यान- मग्न रहना ही एक सच्चे भक्त की निशानी मानी गई है. इसी स्वरूप की रामचरितमानस सहित कई धर्म ग्रंथों में मनोहारी व्याख्या की गई है, जिसमें भगवान के हर अंग की शोभा व महत्व के बारे में बताया गया है.आज हम आपको श्रीराम के चरणों पर अंकित 22 चिह्नों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका उल्लेख भक्तमाल सहित कई धार्मिक ग्रंथों में है.

पंडित रामचंद्र जोशी के अनुसार भगवान राम के चरणों के सौंदर्य की व्याख्या रामचरितमानस सहित कई राम चरित गाथाओं में है. नाभादासजी के ग्रंथ भक्तमाल में चरण पर अंकित चिह्नों व उनके महत्व का उल्लेख किया गया है. ग्रंथ के अनुसार रघुनाथजी के चरणों में कुल 22 चिह्न हैं, जो अंकुश, अम्बर, वज्र, कमल, जव, धवजा, गोपद, शंख, चक्र, स्वास्तिक, जम्बूफल, कलश, अमृतकुण्ड, अर्धचंद्र, षट्कोण, मीन, बिन्दु, उध्र्वरेखा, अष्टकोण, त्रिकोण, इन्द्रधनुष और पुरुष- विशेष हैं, जिनका ध्यान करने से भक्त का परम कल्याण होता है.

भक्तमाल के अनुसार भक्तों के मनरूपी हाथी को रोकने के भगवान ने चरणों मे अंकुश का चिह्न धारण किया है. जड़ता रूपी जाड़े से भक्त को बचाने के लिए वस्त्र चिह्न, पापरूपी पहाड़ को फोडऩे के लिए वज्र, भक्ति की नवनिधि जोडऩे के लिए कमल, सारी विद्या व सिद्धियों के लिए जव, निर्भयता दूर करने के लिए ध्वजा, ध्यान के लिए गोपद, माया पर विजय के लिए शंख, कामरूपी राक्षस को मारने के लिए चक्र तथा धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के फल के लिए जम्बूफल का चिह्न धारण किया है.

इसी तरह अमृत कलश व अमृत कुण्ड का चिह्न भक्त के ह्रदय में भक्ति रस भरकर ध्यान नेत्र के कटोरे से उसे पीकर सदा अमर रहने का प्रतीक है.अर्धचंद्र ध्यान करने वाले के तीनों तापों को नष्ट कर भक्ति भाव को बढ़ाने वाला, अष्टकोण, षट्कोण व त्रिकोण कामरूपी सांपों से भक्तों को बचाने का यंत्र है.

चरणकमलों में मीन और बिंदु चिह्न भक्तों के मन को हरने वाले वशीकरण यंत्र, उध्र्वरेखा संसार रूप सागर से पार पाने के पुल व इंद्रधनुष भक्तों का दुख हरने का प्रतीक है. वहीं पुरुष विशेष चिह्न इस बात का प्रतीक है कि यदि भक्त शुद्ध, सरल और सत्यवचन वाला है तो उसे पुरुष चिह्न की तरह भगवान अपने चरणों में जगह देते हैं.

भक्तमाल के अनुसार, भगवान श्रीराम के चरणों के इन सभी चिह्नों का ध्यान भक्तों को परम शांति देने वाला है.भक्त को चाहिए कि वह श्रीराम का नाम जपते हुए इन चिरण चिह्नों का हमेशा ह्रदय में ध्यान करें.

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