राजस्थान में अब बाल विवाह का भी रजिस्ट्रेशन होगा. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को अजीबो गरीब विवाह रजिस्ट्रेशन कानून पारित हुआ. इसमें बाल विवाह को भी रजिस्टर्ड करने का प्रावधान रखा गया है. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इस विधेयक को सदन में रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत बाल विवाह को रजिस्टर्ड किया जा रहा है.
इस कानून में प्रावधान है कि बाल विवाह करने वालों को 30 दिन में अपना विवाह रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इस विवादित विधेयक का विधानसभा में काफी हंगामा हुआ. भाजपा ने गहलोत सरकार पर बाल विवाह को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. BJP ने विधानसभा में इस विधेयक पर मत विभाजन की मांग की और सरकार जब नहीं मानी तो सदन से वॉकआउट कर दिया.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन करना, इसे कानूनी मान्यता देने जैसा है. इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हम केवल रजिस्टर्ड कर रहे हैं. इस विधेयक में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि हम इस विवाह को मान्य करार दे रहे हैं. उन्होंने कहा, राजस्थान में बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत ऐसे विवाह गैर कानूनी ही रहेंगे. जैसे हीं वे रजिस्ट्रेशन कराएंगे, कलेक्टर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा. BJP के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि अजमेर के रहने वाले शारदा जी के बनाए गए 1927 के कानून शारदा एक्ट के तहत बाल विवाह गैरकानूनी है और उसी राजस्थान में हम उसको कानूनी मान्यता दे रहे हैं.
निर्दलीय विधायक भी आए विरोध में
सरकार का समर्थन करने वाले सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा भी बाल विवाह रजिस्ट्रेशन को लेकर सरकार के खिलाफ नजर आए. उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा, राजस्थान के लिए ये काला कानून है. यहां आज भी बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं.