ज्ञान भंडार

आज है मासिक कालाष्टमी, इस तरह करें पूजा, काल भैरव की होगी विशेष कृपा

नई दिल्ली : कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर महीने कालाष्टमी मनाई जाती है. कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा की जाती और लोग व्रत भी रखते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अष्टमी तिथि के दिन ही भगवान काल भैरव प्रकट हुए थे. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से घर में फैली हुई सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है. इस बार कालाष्टमी 10 जून 2023 यानी आज मनाई जा रही है.

कालाष्टमी व्रत पूजन का शुभ समय
आषाढ़, कृष्ण अष्टमी
प्रारम्भ – 10 जून, शाम 2 बजकर 06 मिनट से शुरू
समाप्त – 11 जून, दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर खत्म

काल-भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं, ऐसे में कहा जाता है कि जो कोई भी भक्त इस दिन सच्ची निष्ठा और भक्ति से काल भैरव की पूजा करता है, भगवान शिव उस इंसान के जीवन से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालकर उसको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

इस दिन भगवान शिव के काल भैरव रूप की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शिव या भैरव मंदिर में जाकर पूजा करें. शाम के समय शिव और पार्वती और भैरव जी की पूजा करें. क्योंकि भैरव को तांत्रिकों का देवता माना जाता है इसलिए इनकी पूजा रात में भी की जाती है.काल भैरव की पूजा में दीपक, काले तिल, उड़द और सरसों के तेल को अवश्य शामिल करें. व्रत पूरा करने के बाद काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं.

कालाष्टमी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम
कालाष्टमी के दिन शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. साथ ही, मांसाहारी भोजन से भी दूर रहना चाहिए.

इस दिन अहंकार ना दिखाएं, बुजुर्गों का अनादर ना करें और महिलाओं से अपशब्द ना बोलें.

इस दिन नुकीली चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.

इस दिन किसी भी जानवर को परेशान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से काल भैरव नाराज होते हैं.

अपने माता-पिता और गुरुओं को अपमानित ना करें.

Related Articles

Back to top button