BREAKING NEWSCrime News - अपराधउत्तर प्रदेशहरदोइ

हरदोई: 48 बीघा जमीन के लालच में साले दिया था ट्रिपल मर्डर को अंजाम

हरदोई: उत्तर प्रदेश में हरदोई जिले में मंगलवार हुए ट्रिपल मर्डर का खुलासा कर दिया गया है जिसमें साधु के पत्नी के भाई ने ही बहन, जीजा और भांजे को मौत के घाट उतारा था। मुख्य आरोपी साधु के शिष्य और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस अधीक्षक अमित गुप्ता ने बताया कि एक सितम्बर को हरदोई के टडियावा इलाके के कुआ मऊ गांव के बाहर आश्रम बनाकर रह रहे साधु हीरादास, उनके पुत्र चेतराम और साथ रहने वाली साध्वी मीरा दास की हत्या ईंट पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई थी।

उन्होंने बताया कि इस सनसनीखेज मामले में आरोपी शिष्य की पत्नी और उससे जब पूछताछ की तो दोनों के बयानों में काफी अंतर मिला। कड़ाई से पूछताछ करने पर आश्रम में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर शिष्य रक्षपाल और साथी संजय और राजीव को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियो ने बताया कि आश्रम की 48 बीघा जमीन के लालच में इस घटना को अंजाम दिया गया था।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर अपराधी रक्षपाल है, जिस पर हत्या आदि के कई मामले दर्ज़ है। उन्होंने बताया कि रक्षपाल साल भर पहले आश्रम से तब जुड़ा था जब वह पिछले साल पुलिस मुठभेड़ में घायल होने के बाद जेल से जमानत पर बाहर आया था।

रक्षपाल अपने एक रिश्तेदार के जरिए आश्रम में पहुंचा था और उसके बाद आश्रम के साधु हीरादास का शिष्य बन गया। यह साधू बाबा हीरा दास पर विश्वाश जमकर आश्रम की 48 बीघा जमीन पर वह खेती करने लगा। इस बीच आश्रम के संचालक साधू बाबा हीरा दास को उसके अपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी हुई तो उन्होंने उसे हटाने का मन बना लिया।

यह भी पढ़े: बड़ी खबर : पीएम मोदी का नरेंद्रमोदी_आईएन ट्विटर अकॉउंट हुआ हैक

उन्होंने बताया कि जैसे ही रक्षपाल को जब आश्रम से हटाने की भनक लगी तो उसने अपने साथ जेल में बंद रहे राजीव और अपने साले संजय के साथ मिलकर साधु बाबा को योजना बनाकर अपने प्रभाव में लेना शुरू किया और 17 अगस्त को एक वसीयतनामा हीरादास को विश्वास में लेकर अपने पक्ष में करा लिया था।

वसीयतनामा कराने के बाद से शातिर रक्षपाल आश्रम और जमीन हासिल करने के लिए किसी भी तरह हीरादास, उनके बेटे और साध्वी को हत्या करने की योजना बनाने लगा। एक बार इन लोगों ने साधू और उनके बेटे की दुर्घटना करा कर मारने की साजिश रची थी, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। उसी दौरान बाबा हीरा दास अपनी सात बीघा जमीन बेचने का प्रयास करने लगे।

तब रक्षपाल और उसके साथियों ने बाबा को मारने की साजिश रची और तीनों ने मिलकर ईंट पत्थरों से कुचल कर आश्रम में ही साधू हीरादास, साध्वी मीरदास और साधू के पुत्र नेतराम की हत्या कर दी।

श्री गुप्ता ने बताया कि घटना के बाद मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर अन्य लोगो को उनके घर में छोड़कर एक सितम्बर को तड़के आश्रम पहुंच गया और उसके बाद उसने तीनो की हत्या होने का शोर मचाया जिसके बाद ग्रामीणों और गांव के प्रधान भी मौके पर पहुँच गए और ट्रिपल मर्डर की वारदात की सूचना पुलिस को दी।

पुलिस ने इस पूरे हत्याकांड से जुड़े लोगों से एक-एक करके पूछताछ शुरू की तो रक्षपाल की गतिविधियों पर संदेह हुआ। जिसके बाद उसकी पत्नी से भी पूछताछ की गई दोनों के बयानों में अंतर मिलने पर और सर्विलांस के जरिए रक्षपाल के दोस्त और साले की गतिविधियों को लेकर पुलिस को संदेह हुआ।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने ट्रिपल मर्डर में शामिल रक्षपाल और उसके साले संजय और उसके दोस्त राजीव को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की तो इस घटना से पर्दा उठ गया। उन्होंने बताया कि आश्रम और उसकी 48 बीघा जमीन के लालच में रक्षपाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। पुलिस को अभी इस मामले में इनके मददगार रहे कुछ और लोगों की भी तलाश कर रही है।

Related Articles

Back to top button