वायु भवन लगातार दूसरे साल बना देश का ‘सर्वोत्तम भवन’
- फ्लावर शो और गार्डन प्रतियोगिता में भी दूसरी बार मिला प्रथम पुरस्कार
नई दिल्ली: वायु भवन को उसके उत्कृष्ट रखरखाव के लिए लगातार दूसरे साल सम्पूर्ण भारत में सर्वोत्तम भवन घोषित किया गया है। रफी मार्ग स्थित इस वायुसेना मुख्यालय को यह सम्मान वर्ष 2019 में भी प्राप्त हुआ था। भवन की खूबसूरती बढ़ाने के लिए यहां की गई बागवानी के लिए भी लगातार दूसरे साल फ्लावर शो और गार्डन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है।
केंद्र सरकार की मुख्य निर्माण एजेंसी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के पास दिल्ली के लुटियंस जोन की सरकारी इमारतों और सांसदों के आवासों की मरम्मत की जिम्मेदारी है। मंत्रालयों के उत्कृष्ट रखरखाव के लिए सीपीडब्ल्यूडी हर साल कई कैटेगरी में पुरस्कारों की घोषणा करता है। रफी मार्ग स्थित वायुसेना मुख्यालय ‘वायु भवन’ को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2020 के लिए ‘बेस्ट मेन्टेनड बिल्डिंग इन पैन इंडिया’ चुना है। वायुसेना मुख्यालय ने 2019 में भी यह पुरस्कार जीता था। एयर मुख्यालय (वायु भवन) ने ‘प्रेस्टीजियस ऑफिस बिल्डिंग’ सेगमेंट में सीपीडब्ल्यूडी के वार्षिक फ्लावर शो और गार्डन प्रतियोगिता में भी प्रथम पुरस्कार जीता है। यह पुरस्कार 2019 में भी वायुसेना मुख्यालय को मिला था। इसी के साथ ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी ने भी 2019 में वायुसेना मुख्यालय ‘वायु भवन’ को ‘बीईई 5 स्टार लेबल’ से सम्मानित किया है।
रेलवे भवन और वायु भवन की इमारतें एक ही समय में बनाई गई हैं। तत्कालीन एयर चीफ, एयर मार्शल एस. मुखर्जी बिना किसी औपचारिक मंजूरी के नवनिर्मित भवन में चले गए और इसी को ‘वायु भवन’ का नाम देकर वायुसेना मुख्यालय बना दिया गया। इसी भवन के मुख्य हिस्से में रेल भवन यानी भारतीय रेलवे का मुख्यालय है। वायुसेना के इसी मुख्यालय में भारतीय वायुसेना प्रमुख चीफ एयर मार्शल का ऑफिस है। मुख्यालय के द्वारा संपूर्ण संगठन पर नियंत्रण रखा जाता है। चीफ ऑफ एयर स्टाफ की सहायता के लिए एयर मार्शल तथा वाइस एयर मार्शल या एयर कमोडोर पद के मुख्य चार स्टाफ अफसर इसी कार्यालय से ही वायुसेना की प्रमुख शाखाओं पर नियंत्रण रखते हैं।
अभी हाल ही में भारतीय वायुसेना का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज हुआ है। दरअसल मार्शल ऑफ द एयर फोर्स अर्जन सिंह के जन्म शताब्दी समारोह के अन्तर्गत भारतीय वायुसेना ने 14 अप्रैल 2019 को 100 वायुसेना स्टेशनों में अर्ध-मैराथन का आयोजन किया था जिसमें शामिल 12600 वायु योद्धाओं ने कुल 2.6 लाख किमी. की दूरी तय की। एक संगठन की सामूहिक भागीदारी से एक ही समय पर कुल 2.1 लाख किमी. से अधिक की दौड़ पूरी किए जाने की इस अनूठी उपलब्धि को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स के 2019 संस्करण में स्थान दिया गया। इसका प्रमाणपत्र हाल ही में भारतीय वायुसेना को प्राप्त हुआ। वायु सेना के कमांडरों का सम्मेलन भी इस समय इसी एयर मुख्यालय (वायु भवन) में चल रहा है जिसका उद्घाटन 22 जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था।