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शराब पीने के आदी असम पुलिस के 300 अफसरों को दिया जाएगा वीआरएस का विकल्प

गुवाहाटी, । मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को घोषणा की कि शराब पीने के आदी कम से कम 300 असम पुलिस अधिकारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि जो पुलिसकर्मी ज्यादा शराब पीते हैं, उनकी सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोगों की गंभीर शिकायतें हैं।

सीएम ने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इन 300 पदों को भरने के लिए नई भर्तियां की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य पुलिस विभाग में लगभग 300 अधिकारी और कर्मचारी शराब पीने के आदी हैं। उनके लिए, सरकार एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) चलाती है। उन्हें वीआरएस दिया जाएगा।

सीएम ने आगे कहा कि ऐसे अपराधियों के लिए नियम पहले से ही थे।

रिपोर्ट के अनुसार, सरमा के पास राज्य गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी भी है। गुवाहटी में सीएम ने एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, यह पुराना नियम है, लेकिन हमने इसे पहले लागू नहीं किया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक विधानसभा क्षेत्र में सभी क्षेत्रों में उपायुक्तों के कार्यालय को सुलभ बनाने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि लोगों को कई आधिकारिक कार्यो के लिए जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़े।

उन्होंने कहा, डिप्टी-कमिश्नर कानून-व्यवस्था की देखभाल करेंगे, और उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

असम सरकार प्रशासन में एक बड़े बदलाव पर विचार कर रही है और राज्य के प्रत्येक जिले को प्रशासनिक और आर्थिक इकाइयों में बदलने के लिए तैयार है।

राज्य प्रशासन में बड़े पैमाने पर बदलाव तब शुरू होगा जब सरमा के नेतृत्व वाली राज्य में भाजपा सरकार मई में दो साल पूरे करने वाली है।

मुख्यमंत्री ने पुनर्गठन के मुद्दे पर चर्चा के लिए जिला आयुक्तों के साथ तीन दिवसीय बैठक बुलाई है। यह तिनसुकिया जिले में 12 से 14 मई के बीच होने वाली है।

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