जीवनशैलीस्वास्थ्य

खाना खाते वक्त और खाने के तुंरत बाद क्यों नहीं पीना चाहिए पानी, जानें कितना है सही

कई लोगों का आदत होती है खाते वक्त पानी पीना। ये लोग जितना खाना नहीं खाते उससे ज्यादा पानी पी लेते हैं। जिसकी वजह से ये भर पेट खाना भी नहीं खा पाते, सिर्फ पानी पीकर ही इनका पेट भर जाता है। खाना खाते वक्त पानी पीने वाले लोगों में अकसर पेट से जुड़ी कई समस्या हो जाती हैं। मां या किसी दूसरे बड़े ने आपको उस समय पक्का टोका होगा जब आप खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी रहे होंगे। ऐसा अक्सर सुना तो होता है, लेकिन इसे मानने में दिक्कत होती है। खाना खाते वक्त पानी पीने से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और मोटापा बढ़ने लगता है। कहते हैं स्वास्थ शरीर के रास्ते हमारे पेट से होकर जाते हैं अगर हमारा पेट ही ठीक नहीं होगा तो शरीर का स्वस्थ रहना असंभव है।

इसलिए खाना खाते वक्त पानी नहीं पीना चाहिए।यह उन भ्रांतियों में से एक है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली गई हैं और लोग इसे सच मानते हैं। कई लोगों का मानना है कि खाते समय पानी पीना भोजन को पचाने वाले खास रस (डाइजेस्टिव जूस) को पतला करता है, भोजन के टूटने में दखल देता है, पोषक तत्वों के पाचन में बाधा पैदा करता है। ऐसा करने से पेट फूलने लगता है। सच्चाई यह है कि ये सभी दावे आधारहीन हैं। भोजन के दौरान पानी पीना वास्तव में पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद कर सकता है।खाना खाते वक्त पानी पीने से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और मोटापा बढ़ने लगता है। कहते हैं स्वास्थ शरीर के रास्ते हमारे पेट से होकर जाते हैं अगर हमारा पेट ही ठीक नहीं होगा तो शरीर का स्वस्थ रहना असंभव है।

इसलिए खाना खाते वक्त पानी नहीं पीना चाहिए।कई डॉक्टर भोजन के बीच में पानी पीने की सलाह नहीं देते हैं| जैसे ही हम खाना चबाना शुरू करते हैं तो मुंह में पाचन शुरू हो जाता है। लार में एंजाइम होते हैं जो भोजन में शामिल होते हैं और इसे तोड़ने में मदद करते हैं। इसके बाद भोजन भोजन नली से नीचे चला जाता है, जहां शरीर में मौजूद अम्लीय गैस्ट्रिक जूस इसमें मिलते हैं। इससे भोजन एक मोटे तरल में बदल जाता है। अब यह छोटी आंत में जाता है, जहां अग्नाशय से पाचन एंजाइम और लिवर से पित्त एसिड मिलाया जाता है।

यह पाचन का वह चरण है, जहां पोषक तत्वों का अवशोषण 75 प्रतिशत होता है। केवल एक छोटा सा हिस्सा बड़ी आंत में पहुंचता है और फिर उत्सर्जित होता है। भोजन को पचाने की यह पूरी पाचन प्रक्रिया 24 से 72 घंटे तक चलती है। रक्त प्रवाह से, पोषक तत्व आपके शरीर के कई जगहों पर जाते हैं।क्या पानी से पाचन समस्याएं होती है? इसके जवाब में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का जवाब ‘नहीं’ है। वे इस दावे का खंडन करते हैं कि पानी पेट में डाइजेस्टिव जूस को पतला करेगा। वे कहते हैं कि आपके पेट में पानी भोजन के पाचन में बाधा नहीं बनेगा।पेट में पानी का पाचन आमतौर पर लगभग 20 मिनट तक होता है। तो, कोई भी संभावित डाइलूशन क्षणिक होगा और भोजन के पाचन को प्रभावित नहीं करेगा।

पानी एंजाइम गतिविधि में हस्तक्षेप नहीं करेगा, क्योंकि एंजाइम पानी की उपस्थिति की परवाह किए बिना भोजन को तोड़ देंगे। भोजन के दौरान पानी पीने से पेट की अम्लता भी प्रभावित नहीं होती है। आप पेट में एक विशेष भोजन को पचाने के लिए उतने ही एसिड का उत्पादन करेंगे। भोजन के साथ पानी पीने से पेट खाली होने की दर प्रभावित नहीं होती है।भोजन करते समय पानी पीना पाचन प्रक्रिया में वास्तव में सहायता कर सकता है। चबाने के दौरान भोजन को नरम करने में मदद कर सकता है और भोजन नली में नीचे ले जाना आसान बनाता है। यह मलत्याग में भी सहायता कर सकता है। मल को नरम बनाकर और आंत के माध्यम से आगे बढ़ने में मदद करता है।

खाने के बाद पानी पीने से पाचन में परेशानी हो सकती है।
खाने में मौजूद प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए शरीर को समय देना चाहिए।
खाने के तुरंत बाद पानी पी लेने से इस प्रक्रिया पर असर पड़ता है। इसलिए ही कहा जाता है कि खाना खाने के करीब 30 मिनट तक पानी नहीं पीना चाहिए।
जो भी आप खाते हैं उसे पचाने में तकरीबन 2 घंटे का समय लगता है। खाना आपकी ग्रासनली से होकर पेट तक जाता है। इसके बाद वह मल के रूप में बाहर निलकने से पहले आंत तक जाता है। इस दौरान पेट में बनने वाले तरल पाचन में मदद करने का काम करते हैं। तो अगर आप खाने से पहले पानी पी लेंगे तो यह प्रक्रिया प्रभावित होगी।
जब आप खाने के बाद पानी पी लेते हैं तो खाने को पेट से आंत तक जितने समय में जाना चाहिए था उससे कम समय में वह आंत तक पहुंच जाता है। इससे शरीर को भोजन में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा लाभ नहीं मिलता।
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से गैस और एसिड जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आयुर्वेद खाने के तुरंत बाद पानी न पीने पर क्या कहता है:-

आयुर्वेद में भी खाने के तुरंत बाद पानी पीने से मना किया जाता है। आयुर्वेद में तो खाने के बाद तुरंत पानी पीने की जहर से तुलना की जाती है। आयुर्वेद के अनुसार जो भी हम खाते हैं वह नाभि के उल्टी तरफ मौजूद जठराग्नि में जाकर पचता है। और जठराग्नि खाना खाने के 1 घंटे तक सक्रिय होती है। ऐसे में पानी पी कर आप उसे शांत कर सकते हैं।आयुर्वेद का मानना है कि जठर की अग्नि ही खाना पचाने में मदद करती है। अगर आप खाना खाने के बाद ऊपर से पानी पी लेते हैं तो यह शांत हो जाती है और पाचन में समस्या होती है। इसलिए आयुर्वेद कहता है कि खाना खाने के 1 घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए।

Related Articles

Back to top button