नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज वित्त मंत्रालय को अलविदा कह ही दिया। मंत्रालय में अपने आखिरी समय में वे काफी भावुक दिखे तथा भविष्य में सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहने का वायदा किया। चिदंबरम ने मंत्रालय के सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विदाई संबोधन में अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर चर्चा की। तीन बार वित्त मंत्रालय का काम संभाल चुके 68 वर्षीय चिदंबरम ने नौ आम बजट पेश किये हैं।पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के 10 बजट के रिकार्ड के बाद सबसे अधिक बजट पेश करने का गौरव चिदम्बरम को ही प्राप्त है। चिदंबरम ने कहा, “वर्ष 1966 से मैं हर दिन 16 घंटे काम कर रहा हूं और मैं ऎसा करता रहूंगा। चिदंबरम ने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं ल़डा है। 16वीं लोकसभा चुनाव की मतगणना शुRवार को होगी। इससे पहले जारी एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सरकार बनाने की उम्मीद जताई गई है। नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में आयोजित विदाई समारोह में उपस्थित एक अधिकारी जो कि चिदंबरम के साथ काफी लंबे समय से काम करते रहे हैं, ने कहा, “समारोह में चिदंबरम काफी भावुक नजर आये। इस तरह भावुक होना उनके स्वभाव के अनुरूप नहीं था।” मनमोहन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल के आखिरी दौर में गृह मंत्री का कामकाज संभालने के बाद अगस्त 2012 में वित्त मंत्रालय में लौटे चिदंबरम ने सुस्त प़डती अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिये क़डी मशक्कत की। उन्होंने चालू खाते का घाटा और राजकोषीय घाटा कम किया। सोने के आयात पर अंकुश लगाया और निवेशकों का विश्वास लौटाने के लिए देश विदेश में बैठकें कीं।