उद्धव ठाकरे ने जीएसटी लागू करने के तरीके की भी तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से चीजें हो रही हैं वो सब गड़बड़ है. इसे देखते हुए शांत रहना मुश्किल है. उद्धव ने कहा फिलहाल समझदारी इसी में है कि जो हो रहा है उसे शांति से देखते रहो. लेकिन शिवसेना प्रमुख की विरासत चलानी हो तो शांत रहना हमारे खून में नहीं है. जो कुछ हो रहा है उसे सिर्फ देखते रहना भी हमसे नहीं होगा. इसलिए जहां-जहां जो चीज हमें ठीक नहीं लगती वहां-वहां हम अपने विचार मजबूती से रख रहे हैं.
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ठाकरे ने जीएसटी के बहाने ही मोदी सरकार पर सत्ता के केंद्रीयकरण का आरोप लगाया. उद्धव ने कहा कि विरोध करने के पीछे एक ही उद्देश्य है कि हमारे यहां सबका केंद्रीयकरण करना है या विकेंद्रीयकरण करना है? अगर जिसकी लाठी उसकी भैंस ही राज करने का तरीका है तो राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने पंचायती राज को निचले स्तर तक पहुंचाया था. आज मोदी प्रधानमंत्री हैं और उस स्वायत्तता को खत्म कर सब कुछ केंद्र के हाथ में रखने का काम शुरू है.
नोटबंदी से 15 लाख बेरोजगार
जीएसटी के साथ नोटबंदी पर भी उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार को निशाने पर ले लिया. सामना को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा कि चार महीने में 15 लाख लोग बेरोजगार हो गए. नौकरियां छूट गईं, जिन 15 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई उनकी दाल-रोटी की व्यवस्था है क्या?
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‘सरकार विरोधी नहीं हूं’
तमाम मुद्दों पर सरकार की आलोचना के बीच उद्धव ने साफ किया कि इन बातों के लिए उन्हें सरकार विरोधी नहीं समझा जाना चाहिए. मुझे एक बात साफ करनी है कि जब मैं या शिवसेना कुछ बोलती है तो उस समय हमें सरकार विरोधी समझा जाता है. मैं सरकार विरोधी नहीं हूं. मैं जनता के साथ हूं.
वॉचमैन की भूमिका निभाती रहेगी शिवसेना
सामना को दिए साझात्कार में उद्धव ने सिक्किम बॉर्डर पर चीन के साथ चल रहे तनावों पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने साफ कहा कि शिवसेना बेशक बीजेपी के साथ है लेकिन वो वॉचमैन की भूमिका निभाती रहेगी.