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आखिर क्यों होता है चन्द्रग्रहण!

पिछले 152 वर्षाे में पहली घटना होगी, जब महीने में दो बार निकलेगा पूरा चांद

प्रो. भरत राज सिंह
निदेशक, एस.एम.एस.

जब सूरज, चांद और पृथ्वी के एक निश्चित समय के लिए एक सीधी रेखा में आ जाते है तो चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है। इस समय पृथ्वी की परछाई चांद पर पड़ती है और चंद्रमा ढका हुवा प्रतीत होता है जिसे हम चंद्र ग्रहण कहते है। चंद्र ग्रहण को कभी भी खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए अन्यथा आख पर इंफ्रांरेड किरणो से आख खराब हो सकती है। यह पिछले 152 वर्षाे में पहली घटना होगी, जब एक महीने में दो बार पूरा चांद निकला होगा। इससे पहले इस तरह की घटना 1866 में हुई थी। यह घटना सिर्फ अमेरिका में देखी गई थी। इस माह में पहला पूर्ण चांद 2 जनवरी 2018 को और दूसरा 31 जनवरी 2018 को निकलने जा रहा है। यह एक दुर्लभ घटना है जब एक माह मे दो बार पूर्ण चाद निकला है। 31 जनवरी (2018) चंद्रगहण एक दुर्लभ घटना होगी। इस दिन चांद तीन रंगों में दिखाई देगा। ऐसी घटना 35 वर्ष बाद देखने को मिलेगीए जिसमें सूपर मूनए ब्लू मून और ब्लड मूल तीन रूपों के दीदार हो सकेंगे।

क्या है सूपर मून : सूपर मून उस घटना को कहते हैं जब चांद धरती के करीब आ जाता। चांद धरती के करीब आने से लगभग 14 फीसदी बढ़ा व 30 फीसदी तक अधिक चमकदार दिखाई देता है।

ब्लड मून क्या है : पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटना के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल से होते हुए कुछ रोशनी चांद पर पड़ती है। इसके चलते चांद हल्का लाल (तांबे के रंग की तरह) दिखाई देता है। इसी के चलते इसे ब्लड मून कहा जाता है।

क्या है ब्लू मून : एक महीने में दूसरी बार चांद का पूरा निकलना बोलचाल में ब्लू मून कहलाता है। जनवरी 2018 में 02 जनवरी को पूरा चांद निकला था। इसके बाद 31 जनवरी को चंद्र ग्रहण के दौरान पूरा चांद निकलेगा।

भारत में 31 जनवरी को शाम लगभग 5:18 बजे यह घटना देश के विभिन्न हिस्सों में दिखनी शुरू हो जाएगी। चंद्र ग्रहण की पूरी घटना शाम 6:12 बजे से शाम 7:37 बजे तक देखी जा सकेगी। इस चन्द्र ग्रहण को अमेरिका, उत्तर पूर्वी यूरोप, रूस, एशिया, आस्ट्रेलिया और अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकेगा। विशेषज्ञों की मानें तो इस घटना को भारत के ज्यादातर हिस्सों में देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों को रखें विशेष ख्याल

चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के दरवाजे बंद कर देने चाहिए और किसी भी भगवान की मूर्ति को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
इस समय तुलसी, शमी वृ्क्ष को छूना नहीं चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलें।
ग्रहण के समय भोजन करना, भोजन पकाना, सोना नहीं चाहिए।
इस दौरान सब्जी काटना, सीना-पिरोना आदि से बचना चाहिए।
चंद्रग्रहण के दौरान खान-पान से क्यों परहेज रखना चाहिये
बूढ़े, बच्चे, रोगी व गर्भवती महिला आवश्यकता अनुसार दोपहर 11.30 बजे तक भोजन कर सकते हैं।
ध्यान रखें- आप रात्रि 8:42 पर ग्रहण समाप्त होने के बाद पहने हुए वस्त्रों सहित स्नान और चन्द्र दर्शन करके भोजन आदि कर सकते हैं।

वैज्ञानिक कारण : चंद्र ग्रहण के दौरान खान-पान परहेज का मुख्य वैज्ञानिक कारण यह है कि जो ऊर्जा चंद्रग्रहण के दौरान सूर्य की किरणो की चंद्रमा से टकराकर आति है वह तमाम इंफ्रारेड किरणों के कारण भोजन को विषाक्त बना देती है जिससे भोजन जहरीला हो सकता है। इसलिए ग्रहण के दौरान इसकी मनाही की गई है।

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