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इस साल विकास दर में चीन को पीछे छोड़ देगा भारत : वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि इस साल जहां चीन की जीडीपी दर 6.6 प्रतिशत रहेगी वहीं भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत रहेगी। अगले साल 2019 में चीन की 6.2 की तुलना में भारत 7.4 प्रतिशत जीडीपी की दर से विकास करेगा। चीन की आर्थिक रफ्तार में कमी आने की मुख्य वजह अमेरिका से चल रहा उसका ट्रेड वार है। ट्रेड वार के चलते चीन का निर्यात बुरी तरह से प्रभावित होने और मांग प्रभावित होने की पूरी आशंका है। चीन 2017 में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश था। वहीं, 2018-19 में भारत की जीडीपी की वृद्धि 7.4% रहने की उम्मीद है। पिछले माह अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने उम्मीद जताई थी कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 और 2019 में 7.5 प्रतिशत रह सकती है। मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, ‘जी-20 की कई अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि संभावना मजबूत बनी हुई है लेकिन इस बात के संकेत हैं कि 2018 में वृद्धि की प्रवृत्ति अलग-अलग रह सकती है। ज्यादातर विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिए अल्पकाल में वैश्विक परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की तरफ से बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद, नकदी की कमी और तेल के ऊंचे दाम के कारण कुछ विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति थोड़ी कमजोर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बीते माह भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 7.3% और 2019 में 7.4% रहने का अनुमान जताया था। अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा कि चालू वर्ष में भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लेगा। यह चीन के मुकाबले 0.7% अधिक होगा। वर्ष 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7% थी। विश्व बैंक ने पिछले माह कहा था कि भारत की आर्थिक वृद्धि में मजबूती आ रही है और चालू वित्त वर्ष में इसके 7.3 फीसदी रहने की संभावना है। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रभावों से उबर चुकी है।

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