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अलविदा 2015 : एसीबी ने पकड़े 70 भ्रष्‍टाचारी लोक सेवक

रांची. झारखंड झारखंड में भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने में जुटे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से बिछाए जाल में 2015 में करीब 70 लोकसेवक फंस चुके हैं.

इससे भ्रष्टाचार में लिप्त लोकसेवकों के बीच हड़कंप मच गई है. पकड़े गए लोकसेवकों में पुलिस विभाग से लेकर भूमि सुधार और बिजली विभाग के तक के कई कर्मी और इंजीनियर शामिल हैं. हालांकि बड़े अधिकारियों के मामले में को ट्रैप करने में ब्यूरो नाकाम रहा है.

इसलिए बच जाते हैं बड़े भ्रष्टाचारी

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के द्वारा पिछले साल की गई कारवाई पर नजर दौड़ाएं तो बड़े अधिकारियों को ट्रैप करने में कोई सफलता नहीं मिल पाई है. इस कारण ब्यूरो के कामकाज पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

एसीबी आईजी मुरारी लाल मीना से जब हमने पूछा तो उनका तर्क कुछ और ही है. उन्होंने कहा कि हम तब ही कोई कार्रवाई करते हैं जब लेने वाला या देने वाला पक्ष शिकायत करें. आमतौर पर लेने वाले तो शिकायत नहीं ही करते हैं, देने वाले भी बड़े अधिकारियों के खिलाफ मुंह नहीं खोलते हैं. हालांकि दो लोगों द्वारा लेन देन कर भ्रष्टाचार की कोई सूचना थर्ड पार्टी भी देती है तो नए नियम के अनुसर हम रंगे हाथ उन्हें पकड़ सकते हैं.

बहरहाल, निगरानी को पुर्नगठित कर एसीबी बनाने के पीछे सरकार की मंशा भ्रष्ट लोकसेवकों पर कारवाई करने को लेकर है. जिसके तहत धनबाद समेत राज्य के विभिन्न शहरों में थाना खोले गये हैं जिसमें पुलिस अधिक्षकों के साथ साथ भारी संख्या में अनुसंधानकर्ता और छापा दल की नियुक्ति की गई है. उम्मीद की जा सकती है आने वाले समय में एसीबी और प्रभावी ढंग से लोकसेवकों पर कारवाई करे जो अब तक जाने अनजाने में एसीबी से बचते रहे हैं.

 

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