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आतंकवाद अपने पैर पसार रहा है जिससे विकास और सृमद्धि को बड़ा खतरा

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद विकास और सृमद्धि के लिए जबरदस्त खतरा है और उन्होंने पाकिस्तान सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझने और आपस में सहयोग करने की अपील की है। स्वराज ने 50 अरब डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि संपर्क की सभी पहल संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, विचार विमर्श, सुशासन, पारदर्शिता, व्यवहार्यता और निरंतरतता के सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए। भारत ने सीपीईसी परियोजनाओं का विरोध किया है और चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराया है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है। स्वराज एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए यहां आई हैं। उन्होंने कहा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मौजूदगी में कहा कि चूंकि आतंकवाद पैर पसार रहा है तो सरकारों को अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझनी चाहिए और एक दूसरे से सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम सब को वैश्वीकरण से लाभ हुआ है। हमें अपना व्यापार और निवेश सहयोग आगे बढ़ाना चाहिए। हम खुले, स्थाई अंतरराष्ट्रीय व्यापार तंत्र का समर्थन करते हैं, जो विश्व व्यापार संगठन की केन्द्रीयता पर आधारित हो।’ उन्होंने कहा कि भारत ने ¨क्वगदाओ में एससीओ सम्मेलन में शामिल नेताओं की युवाओं को कट्टरपंथ में धकेलने के खिलाफ अपील का खुलकर समर्थन किया था।

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