राज्य

आदित्य वर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री से एफआईआर दर्ज कराने की लगाई गुहार

पटना : बिहार क्रिकेट में लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। दरअसल यहां पर खिलाडिय़ों के चयन को लेकर उठापटक देखने को मिल रही है। अभी हाल में ही एक न्यूज चैनेल पर बिहार में क्रिकेट को स्टींग ऑपरेशन क्लीन बोल्ड किया गया था। इसके बाद से बिहार में क्रिकेट को लेकर भूचाल मच गया है। लोग अब सख्त एक्शन लेने के लिए कह रहे हैं। बिहार में लम्बे समय-समय से क्रिकेट को लेकर लड़ायी लड़ रहे आदित्य वर्मा ने अब सरकार से इसकी शिकायत की और कहा है कि सीएम इस मामले में हस्ताक्षेप करे और सख्य एक्शन ले। इसके बाद पूरे विश्व क्रिकेट के लोगों ने देखा था कि बिहार क्रिकेट संघ के अधिकारियों के द्वारा किस प्रकार बिहार के क्रिकेटरो का बली चढ़ा के बाहरी खिलाडिय़ों को बिहार के महिला पुरुष क्रिकेट टीम मे मनमाना पैसा तथा अन्य प्रकार के सुविधा ले कर शामिल कराया जाता है। किस प्रकार से विभिन्न जिला से जाली डोमेसायल प्रमाण पत्र बनवा दिया जाता है। जिला कलेक्टर का नाम भी बोला जा रहा है।  बहुत ही लम्बे संघर्ष के पश्चात बिहार के क्रिकेटरो को प्रथम श्रेणी का मैच खेलने का मौका 16 सालों के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 4 जनवरी 18 को मिला था। इस बाबत आदिय वर्मा ने कहा कि एक याचिका कर्ता होने के नाते मैने 2005 से बिहार के क्रिकेटरो के हक के लिए बीसीसीआई से लम्बी लड़ाई लड़ी थी। मै बिहार के अपने माननीय मुख्य मंत्री से आग्रह कर रहा हूं कि पटना जिला के गॉधी मैदान थाना मे दोषीयो के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज करने के लिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के जिला सचिव मो आलमगीर ने आवेदन दिया है लेकिन दुख इस बात की है कि अभी तक गॉधी मैदान थाना मे दोषीयो के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज नही हुआ है, बिहार के वर्तमान एवं पूर्व खिलाडीयों का शिष्ट मंडल बिहार के होम सेक्रेटरी तथा डीजीपी से मिल कर दोषियों के खिलाफ कारवाई करने तथा गांधी मैदान थाना को एफआईआऱ दर्ज करने के लिए आग्रह भी कर चुका है।  पूरे विश्व मे आपकी छवि एक ईमानदार प्रशासक की है एक नेशनल चैनल पर स्टींग ऑपरेशन क्लीन बोल्ड के तहत बी पदाधिकारीयों की करतूत देखने के पश्चात भी बिहार सरकार की ओर से चुप्पी आश्चर्यजनक है, बेशर्मी की हद पार कर चुकी है बीसीए के अध्यक्ष तथा उनकी पुरी समिती। एक प्रि प्लानर के तहत अध्यक्ष, सचिव ने बिहार क्रिकेट एसोसियेएशन का एक एडवाइजरी कमिटी बनाया था। जिसमें सत्ता के माननीय सदस्यों तथा पुलिस के वरिष्ठ प्रशासनिक पदाधिकारी लोग नामित किए गए थे । बिहार के क्रिकेटरो के अंदर एक रोष व्याप्त है कि बिहार क्रिकेट संघ के दोषी अधिकारियों को बचाने मे जरूर उच्चे रसुखदार शामिल है। उन्होंने सीएम से गुहार लगायी है कि अविलम्ब सरकार बीसीए को टेक ओवर कर ले तथा बीसीसीआई को सूचित कर दे। पूरे मामले पर जांच करने का भी आग्रह किया है। 

Related Articles

Back to top button