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एससीओ सम्मेलन के लिए उज्बेकिस्तान जाएंगे PM मोदी, जानिए क्या है SCO और इस बार समिट का एजेंडा?

नई दिल्ली: उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. उज्बेकिस्तान के शहर समरकंद में 15 और 16 सितंबर को SCO की बैठक होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 और 16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए उज्बेकिस्तान में होंगे. इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत कई बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात होगी.विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी एससीओ परिषद के राष्ट्र प्रमुखों की होने वाली 22वीं बैठक में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर यह दौरा करेंगे.

एससीओ शिखर सम्मेलन 2022 उज्बेकिस्तान के समरकंद में होगा. इस दौरान सबकी निगाहें पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात पर टिकी होंगी. शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं. शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है.

क्या है SCO?

एससीओ का विस्तार रूप शंघाई सहयोग संगठन है. शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की स्थापना साल 2001 में हुई थी. रूस, चीन, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य ने शंघाई में इसकी स्थापना की थी. ये संगठन मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों और विकास पर ध्यान फोकस करता है. भारत 2005 में SCO में पर्यवेक्षक बना और 2017 में पाकिस्तान के साथ सदस्यता प्राप्त की.

एससीओ समिट 2022 का एजेंडा क्या?

एससीओ समिट 2022 में रूस और यूक्रेन जंग का मसला अहम एजेंडे में शामिल होगी. रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन पर हमले से बने भू-राजनीतिक संकट को लेकर चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है. युद्ध में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है. जंग की वजह से खाद्य संकट भी गहरा गया है. पीएम मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति यूक्रेन में जंग के मसले पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मिलकर कुछ अहम और ठोस पहल कर सकते हैं. इसके साथ ही मध्य एशियाई देशों के बीच ट्रेड को लेकर अहम चर्चा संभव है.

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