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इजरायल में फाइजर वैक्सीन के असर में कमी ने बढ़ाई चिंता

इजरायल (Israel) में फाइजर वैक्सीन (Phizer Vaccine) के असर में कमी देखी जा रही है. इंफेक्शन और लक्षण वाली बीमारी को रोकने में वैक्सीन का असर कम हो रहा है. हालांकि वैक्सीन (Vaccine) अब भी बीमारी को गंभीर होने से रोकने में कारगर साबित हो रही है. सोमवार को इजरायल की तरफ से यह बताया गया.

कोरोना (Corona Virus) के खिलाफ वैक्सीन के प्रभाव में कमी ऐसे में देखी गई है जब डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) का संक्रमण बढ़ा है और सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing) की बंदिशों को इजरायल में हटा लिया गया.

रॉयटर्स के मुताबिक, इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की तरफ से बताया गया कि बीते 6 जून से संक्रमण और गंभीर बीमारी को रोकने में प्रभावशीलता 64 प्रतिशत पर आ गई है. वहीं अस्पताल में भर्ती होने और कोरोना वायरस से गंभीर बीमारी को रोकने में वैक्सीन 93 फीसदी कारगर रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से यह नहीं बताया गया है कि पिछला स्तर क्या था, ना ही कोई विवरण मुहैया कराया गया है. हालांकि मंत्रालय के अधिकारियों ने मई में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि फाइजर वैक्सीन की दो डोज से संक्रमण, अस्पताल में भर्ती और गंभीर बीमारी के खिलाफ 95% से अधिक सुरक्षा मिली है.

फाइजर के प्रवक्ता ने इजरायल के डेटा पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन अन्य शोध का हवाला देते बताया कि वैक्सीन एंटीबॉडी बढ़ाने और कोरोना के सभी वैरिएंट के खिलाफ असरदार रही है. इजराइल की 9.3 मिलियन आबादी में से लगभग 60% को एक अभियान में फाइजर के टीके का कम से कम एक डोज मिला है, जिसमें देखा गया है कि दैनिक मामले जनवरी में 10,000 से अधिक थे जो घटकर पिछले महीने में सिंगल डिजिट में पहुंच गए.

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मामलों की संख्या में गिरावट के बाद इजरायल में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियमों में ढील दी गई. हालांकि डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण सामने आने के बाद हाल के दिनों में इन नियमों को आंशिक रूप से फिर से लागू कर दिया गया. नियमों में ढील के बाद से रोजाना के मामलों में इजाफा हुआ और रविवार को इजरायल में कोरोना के 343 मामले रिपोर्ट किए गए थे. गंभीर रूप से बीमार लोगों की संख्या 21 से बढ़कर 35 हो गई.

इज़राइल के वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के डेटा वैज्ञानिक एरान सेगल ने कहा कि देश में पिछली साल की तरह इस साल अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार लोगों की संख्या की संभावना कम थी क्योंकि इस साल गंभीर रूप से बीमार लोगों की संख्या काफी कम थी. उन्होंने कहा कि टीकाकरण जैसे उपायों को आगे बढ़ाते हुए और विदेश से इजरायल लौटने वाले इजरायलियों के परीक्षण को सुनिश्चित करते हुए जीवन को सामान्य और बिना किसी प्रतिबंध के साथ जारी रखना ठीक था.

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