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इनकी सिफारिश पर तय हुअा शीला का नाम..

sheila-dikshit-sonia-gandhi-650_650x400_81467716168एजेंसी/ शीला दीक्षित को यूपी में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने का फैसला पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सुझाव और प्रभारी गुलाम नबी आजाद की सिफारिश के बाद अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की हां के बाद लिया गया।  
 

शीला के नाम को हरिझंडी हालांकि दो दिन पहले राजबब्बर के अध्यक्ष के लिए नाम फाइनल होने के बाद मिली। कांग्रेस 27 साल पुराने अपने राजनीतिक गौरव को यूपी में हासिल करने को बेताब है। इसके लिए वह हर दांव खेलना चाहती है। जातपात की राजनाति से इनकार करने वाली पार्टी इसको भी अपनाने से गुरेज नहीं कर रही है। कांग्रेस अब जातिगत समीकरण के तहत ही सारी जिम्मेदरी सौंप रही है।

हाईकमान इस बात को लेकर परेशान था कि कही जिस तरह कमनलनाथ के पंजाब प्रभारी बनाने के बाद विवाद होने पर उन्हें जिम्मेदारी छोड़नी पड़ी थी, वहीं दिल्ली के टैंकर घोटाले में चार्जशीट होने और अब एसीबी की तरफ से इस मामले में समन कर 26 अगस्त को बयान देने के लिए बुलाने को विरोधी मुद्दा न बना दें। इससे पार्टी  की फजीहत हो जाएगी। 

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