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इमरान ने अमेरिका को लेकर उगला जहर, बोले- फिर युद्ध में US का भागीदार नहीं बनेगा पाकिस्तान

इस्लामाबादः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को दर्द बयान करते हुए कहा कि एक पाकिस्तानी होने के नाते उन्होंने तब से ज्यादा कभी ”अपमानित” महसूस नहीं किया जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ देने का फैसला किया था। खान ने कहा कि कि उनका देश शांति में तो अमेरिका का साथ दे सकता है लेकिन जंग में नहीं।

नए वित्त वर्ष के बजट को बहुमत से मंजूरी दिये जाने के एक दिन बाद नेशनल असेंबली में विभिन्न मुद्दों पर परिचर्चा के दौरान खान ने अमेरिका के साथ भविष्य में सहयोग को लेकर स्पष्ट रेखा खींचते हुए कहा कि यह 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान-अमेरिका की साझेदारी के विपरीत सहयोग पर आधारित होगा, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को गंभीर झटका लगा था।

उन्होंने कहा, ” जब हमने इतनी सारी सेवाएं दीं, तो क्या उन्होंने (अमेरिका ने) हमारी प्रशंसा की या हमारे बलिदानों को स्वीकार किया? इसके बजाय, उन्होंने हमें एक पाखंडी कहा और हमें दोष दिया। पाकिस्तान की तारीफ करने की बजाय हमें बुरा-भला कहा।” खान ने कहा कि एक पाकिस्तानी होने के नाते उन्होंने तब से ज्यादा अपमानित कभी महसूस नहीं किया जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ देने का फैसला किया और इस प्रक्रिया में बहुत नुकसान उठाया।

उन्होंने पूछा, ”हमने आतकंवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का अग्रणी सहयोगी देश बनने का फैसला किया। मैंने बार बार सवाल उठाए। हमारा युद्ध से क्या लेना-देना था? क्या किसी देश ने किसी दूसरे देश के युद्ध में कूदकर 70 हजार लोगों की जान गंवाई? ” खान ने कहा कि पश्चिम एशियाई देशों के साथ आर्थिक संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान के लिए अफगानिस्तान में शांति महत्वपूर्ण है।

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