अद्धयात्म

इस दिन नही तोडना चाहिए हाथ में बंधा मौली का धागा

आपने देखा होगा कि त्यौहार, शादी, हवन इत्यादि में सबसे पहले पण्डित हाथों में मौली का डोरा बांधते हैं, और यह काफी शुभ माना जाता हैं, इसके बिना कोई भी शुभ कार्य अधूरा माना जाता है. मौली का धागा तोड़ते समय हम ना दिन देखते हैं, ना कोई वार लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर इसे शुभ मुहुर्त मेंं बांधा जाता हैं तो इसे तोडऩा भी शुभ मुहुर्त में ही चाहिए.

इस दिन तोडना होता है शुभ 

इस कलावे को किसी भी दिन नहीं बदला जा सकता. इसे मंगलवार और शनिवार के दिन ही बदलना या तोडऩा चाहिए क्योंकि यह दिन सबसे शुभ माना जाता है.

ऐसे बंधवानी चाहिए मौली 

अक्सर पुरुषों और महिलाओं में यह दुविधा होती हैं कि कलावा किस हाथ में रखना चाहिए. इसलिए पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को दाहिने हाथ में और विवाहित स्त्री को बाएं हाथ पर कलावा बंधवाना चाहिए. यह भी ध्यान रहे कि कलावा बंधवाते समय मुठ्ठी खाली न हो.

ध्यान रखें ये बात 

कलावे को बांधते समय तीन बार लपेटना चाहिए. पांच रंगों वाले कलावे को बांधना बेहद ही शुभ रहता है. इसे पंचदेव कलावा भी कहते हैं.

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