जिससे डेरे में रह रहे 16 नेपाली मजदूरों में से लगभग 10 मजदूरों की चट्टान के निचे दबने से मौत हो गई। जिलाधिकारी देहरादून के आदेशों पर राहत बचाव कार्य के लिए एसडीएम चकराता, एसडीएम विकासनगर, एसडीएम पुरोला सहित तमाम प्रशासनिक अमले को मौके के लिए रवाना होने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय लोग व राजस्व कृमियों की मदद से जेसीबी द्वारा सोमवार सुबह तक राहत बचाव कार्य जारी रहा। मृतकों में एक महिला दो बच्चों सहित सात पुरूषों के मरने की सूचना है। इस तूफान से लगभग आधा दर्जन से ज्यादा घरों की छत उड़ गई।
हनोल से चातरा के लिए पीएमजीएसवाई द्वारा बनाये जा रहे मार्ग पर निर्माण कार्य के लिए उक्त मजदूर आए थे। बताया जा रहा है कि यह जौनसार बावर का अब तक का सबसे बड़ा हादसा है। कंप्रेसर से चट्टान को तोड़ा जा रहा है। प्रशासन को सभी शव निकालने में सफलता मिली है।
प्रदेश के उत्तरकाशी में भी तूफान और बारिश ने तबाही मचाई। बताया गया कि यहां आए तेज तूफान से कई घरों की छत उड़ गई। एक आदमी पर पेड़ गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। बिजली की लाइनें टूट गई हैं।