एक साथ सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे भारत-पाक, जानें- क्यों ?
तनावपूर्ण संबंधों के बाद भी भारत और पाकिस्तान अगले महीने रूस में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के ढांचे के तहत होने वाले मेगा सैन्य अभ्यास में भाग लेंगे। इसमें चीन और पांच अन्य देश भी शामिल होंगे।
अधिकारियों ने कहा कि इस अभ्यास का मकसद एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है और यह 16 से 21 सितंबर तक रूस के ऑरेनबर्ग में आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इस अभ्यास के लिए एक बड़ी टीम भेजेगा जिसमें सेना और वायु सेना के कर्मी होंगे।
भारत और पाकिस्तान ने अभ्यास के पिछले संस्करण में पिछले साल भाग लिया था। आजादी के बाद यह पहला मौका था जब दोनों देश किसी सैन्य अभ्यास का हिस्सा थे। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में एक साथ काम किया है।
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद दोनों देशों के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। पाकिस्तान ने भारत के कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कूटनीतिक संबंधों का दर्जा घटा दिया है।
सैन्य अभ्यास आतंकवाद विरोधी सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा
सूत्रों ने बताया कि एससीओ सैन्य अभ्यास आतंकवाद विरोधी सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में संपन्न एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की थी।
भारत और पाकिस्तान को 2005 में इस समूह में पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल किया गया था। 2017 में दोनों देश इस समूह के पूर्ण सदस्य बने थे।