जीवनशैली

कर्मचारी ने 8 हसीनाओं को किया मदहोश, होश आया बोलीं-‘मम्मी अब क्या करूं’

400021-sharman-zareenएंजेंसी/ उसमें एक ऐसा आकर्षण था जो चुबंक की तरह अपनी ओर खींच लेता था. उसकी बातें मदहोश कर देती थी. उसकी अदाएं ऐसी थी की कोई भी उसके आगोश में आने को मजबूर हो जाए. उसके चेहरे पर ऐसी कशिश थी कि बस एकटक निगाह देखती रहे. कहते हैं ना कि प्यार का नशा जब किसी पर चढ़ता है तो वो उम्र या फिर जात-पात की सीमा नहीं देखता है. उसे भी देखकर ऐसा लगता था कि मानो उसके लिए कोई भी बंधन तोड़ने को तैयार हो जाए. फिर उसका चाहे जो अंजाम हो. यूं तो आपने प्यार की कई कहानियां देखी-सुनी होंगी लेकिन ये कहानी कुछ हटकर है..

वो आदमी खुद को पायलट बताता था. चिकनी-चुपड़ी बातें करता था. मैट्रिमोनियल साइट्स पर अपने बारे में बड़ी बड़ी बातें लिखा करता था. फिर लड़कियों को अपने जाल में फंसाता था औऱ फिर करता था ये हरकत….. जी हां, ये कहानी फिल्मी नहीं बल्कि हकीकत है. कैसे??? 

वो खुद को पायलट बताता था लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी. दरअसल वो पायलट था ही नहीं. ये सब तो वो लड़कियों को रिझाने के लिए करता था. वो था सेंट्रल रेलवे में काम करने वाला आनंद अवधनरेश सिंह ऊर्फ अर्जुन राणे. राणे पर आरोप है कि वो मैट्रिमोनियल साइट्स के जरिये लड़कियों के साथ मेलजोल बढ़ाकर मोटी रकम वसूलता था.

ये कहानी बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में काम करने वाली रानी (बदला हुआ नाम) से जुड़ी है. रानी का कहना है राणे ने खुद को पायलट बताकर एक बार मिलने की बात किया करता था. पहले तो रानी ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया लेकिन बाद में उसने राणे से मिलने का फैसला कर लिया. बस यही वो एक गलती कर बैठी.

दोनों के बीच मुलाकातों का दौर जारी रहा. ये सिलसिला करीबन दो महीने तक चला. लेकिन कहते है ना कि ढोल की पोल एक दिन खुल ही जाती है. करीब दो महीने की मुलाकात में रानी ने करीब 80 हजार रुपए खर्च कर दिए. अब रानी को लगने लगा था कि अर्जुन पायलट नहीं है. उसने इस बारे में राणे से बात की लेकिन….

शातिर राणे रानी का दिल जीतने में कामयाब रहा. लेकिन रानी के मन में खटका आ चुका था. उसके मुताबिक राणे पायलट नहीं है बल्कि सेंट्रल रेलवे में कार्यरत है. उसकी शादी हो चुकी है और उसे दो बच्चे भी हैं. दरअसल अर्जुन राणे असली नाम आनंद अवधनरेश सिंह है. वो अलग-अलग मैट्रिमोनियल साइट्स के जरिये लड़कियों के विश्वास को जीतता है और उन्हें झांसा देकर पैसे ऐंठता है.

रानी के मुताबिक राणे सबसे भावनात्मक सहानुभूति लेता था. वो लड़कियों के सामने रोने लगता था और अपनी झूठी दुखभरी कहानी सुनाता था. राणे कहता था कि उसके माता पिता की मौत इस्टर्न एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे में वर्ष 2010 में हो गई थी. उसकी डॉक्टर बहन की शादी अमेरिका में एक सीआईए एजेंट से हुई थी. वो इतनी अच्छी तरह से झूठ बोलता था कि उसकी बातों पर भरोसा हो जाता था.

रानी अकेली नहीं है जो इस शख्स की ठगी की शिकार हुई हो बल्कि 15 दिनों के कॉल रिकॉर्ड से ये पता चलता है कि उसने आठ और लड़कियों को निशाना बनाया था. बांद्रा साइबर पुलिस स्टेशन में वर्ष 2015 में इसी तरह के 6 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई थी. अब तक दो मामलों को पुलिस ने सुलझाया है.

एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि आप को महिलाओं का विश्वास हासिल करने के लिए बेहतर वक्ता होना चाहिए. एक बार जब आप विश्वास बना लेते हैं तो महिलाएं लाखों रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए तैयार रहती हैं.

 

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