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केजरीवाल की कैबिनेट ने एलजी के खिलाफ पास किए दो प्रस्ताव

kejriwal-jung-562aa6efe827a_exlstमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच फिर पंगा बढ़ गया है। अबकी बार कैबिनेट ने उपराज्यपाल के खिलाफ दो प्रस्ताव पास किए हैं।
एक मामले में उपराज्यपाल से चार सवाल पूछने केसाथ ही पूरा प्रस्ताव शिकायत के तौर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को सरकार भेजेगी। वहीं उपराज्यपाल को चुनौती दी है कि अगर वैट विभाग को कर वसूली का जो लक्ष्य दिया गया, उसे पूरा कर सकते हैं तो अपनी मर्जी का अधिकारी लगा लें।

उन्हें वैट विभाग सौंपने को दिल्ली सरकार तैयार है। लेकिन दिल्ली सरकार को लक्ष्य पूरा करना है तो अपनी मर्जी का अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार है।

 

शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया कि उपराज्यपाल ने गलत तरीके से वैट आयुक्त विजय कुमार को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी किया।
कई कर चोरों के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उपराज्यपाल के पास चुनी गई सरकार से विचार विमर्श किए बिना किसी अधिकारी को कार्यमुक्त करने का अधिकार नहीं है।

एक फर्जी कंपनी जिसके खिलाफ कार्रवाई की, उसके तार हवाला से जुड़े हैं। इंटरपोल में वांछित है। सूचना आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को भी भेजी गई है।

 

कैबिनेट प्रस्ताव में कहा गया है, मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर ईमानदार अधिकारी को किनारे लगाया गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि वैट आयुक्त को रिलीव किए जाने के बाद जिस आईएएस अधिकारी का नाम भेजा गया, उसका नाम खारिज करने का सही कारण उपराज्यपाल बताएं।
कहा गया है कि जब कर वसूली का लक्ष्य पूरा करने का काम दिल्ली सरकार का है तो फिर अधिकारी की नियुक्ति या ट्रांसफर का अधिकार भी सरकार का होना चाहिए।

1. कौन से हालात थे जिसके कारण असाधारण कदम उठाना पड़ा?
2. छापेमारी और विजय कुमार के आकस्मिक कार्यमुक्त किए जाने के बीच क्या संबंध है?
3. क्या यह सच है कि कुमार को कार्यमुक्त करने के बाद उन्हें दिल्ली छोड़ने केलिए धमकाया गया?
4. क्या कुमार को रिलीव करने केलिए प्रधानमंत्री कार्यालय या गृहमंत्रालय से कोई आदेश प्राप्त हुआ था?

 

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