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कैराना में पदयात्रा पर प्रशासन ने लगाई रोक, संगीत सोम जाने पर अड़े

msid-52789900,width-400,resizemode-4,Sangeet-Som• संगीत सोम की कैराना यात्रा को जिला प्रशासन की अनुमति नहीं।
• बीजेपी विधायक सरधना से कैराना तक अपनी पदयात्रा पर अड़े।
• बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने सोम को आने से मना किया है।
• संगीत सोम ने कहा, यात्रा लोगों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए।
 
एजेंसी/ कैराना. हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर सुर्खियों में आए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना में अब पदयात्रा की राजनीति शुरू हो गई है। प्रशासन की रोक के बावजूद बीजेपी विधायक संगीत सोम आज सरधना से कैराना के बीच ‘निर्भय पदयात्रा’ निकालने पर अड़े हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अतुल प्रधान ने भी सद्भावना यात्रा निकालने का ऐलान किया है। इसको देखते हुए कैराना और सरधना में धारा 144 लगा दी गई है। इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। बता दें कि 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के संगीत सोम ने सरधना सीट से एसपी प्रत्याशी अतुल प्रधान को हरा दिया था।

पदयात्रा निकालने पर अड़े संगीत सोम को बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने कैराना न आने की सलाह दी है। कैराना में हिंदुओं के पलायन की लिस्ट जारी करने वाले हुकुम सिंह ने कहा कि सोम कैराना गए तो सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। उधर, बीजेपी विधायक संगीत सोम का कहना है कि वह कैराना की यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल वहां और यूपी के लोगों को यह आश्वस्त करना है कि वे सुरक्षित हैं। संगीत सोम की यात्रा की घोषणा पर गुरुवार को इसके जवाब में एसपी के नेता अतुल प्रधान ने सद्भावना यात्रा निकालने का ऐलान किया था। मेरठ के डीएम पंकज यादव ने लॉ ऐंड ऑर्डर बनाए रखने के मद्देनजर संगीत सोम और अतुल प्रधान की यात्रा पर रोक लगा दी है।

सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम की पदयात्रा से पश्चिमी उप्र में सियासी उबाल आने की संभावना है। सोम ने कहा कि कैराना में पाकिस्तान जैसे हालात हैं। एसपी सरकार के संरक्षण में एक वर्ग के हौसले इतने बुलंद है कि वहां से दूसरे वर्ग को पलायन करना पड़ा। पूरी तरह भय का वातावरण है। बीजेपी विधायक ने कहा कि उनकी पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि वह बिना किसी डर के प्रेम से रहें। उन्होंने बताया कि हिंदू समाज यहां से पलायन को मजबूर है। उत्तर प्रदेश सरकार संविधान विरोधी ताकतों को संरक्षण देने का काम कर रही है।

सोम ने कहा कि जब तक कैराना से हिंदुओं के पलायन और पीड़ितों की निष्पक्ष जांच नहीं होती है तो यूपी के हर जिले में पदयात्राएं निकाली जाएंगी। सोम ने कहा कि जांच में यह पुष्टि हो गई है कि इखलाक के घर में गोमांस ही था। उसके बाद भी सरकार आरोपियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही है, जिसके चलते यह यात्रा निकाली जा रही है।

वहीं जवाबी पदयात्रा निकालने का ऐलान करने वाले एसपी के नेता अतुल प्रधान ने आरोप लगाया कि बीजेपी सीएम अखिलेश यादव का विकास का अजेंडा पटरी से उतारना चाहती है। प्रधान ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदेश में शांति सौहार्द और भाईचारा बना रहे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग गलत तरीके से जनता के सामने तथ्यों को रख रहे हैं। यह सद्भावना यात्रा ऐसी ही लोगों के पर्दाफाश और प्रदेश में बनी सद्भावना के लिए है।

बता दें कि बीजेपी के सांसद हुकुम सिंह ने एक लिस्ट जारी कर कैराना से हिंदुओं के पलान का दावा किया था। हालांकि उन्होंने बाद में अपने रुख से यू-टर्न लेते हुए इसे कानून व्यवस्था का मामला बताया था। हुकुम सिंह ने इसके साथ ही कैराना के पड़ोसी कस्बे कांधला से हिंदुओं के पलायन का दावा किया है।

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