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कोरोनावायरस से लड़ने के लिए भारत की मदद को चीन है तैयार

नई दिल्ली। कोरोनावायरस को लेकर जब दुनिया के कई देशों में चीन को लेकर एक नाराजगी पनप रही है तब भारत और चीन के बीच एक अहम चर्चा हुई है। यह चर्चा भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मंगलवार को हुई। दोनों देशों के बीच कोरोनावायरस के खिलाफ किस तरह से एक निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए, इस पर खास तौर पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्री ने कहा- हम कोरोनावायरस के खिलाफ अपने द्विपक्षीय सहयोग को बनाएंगे और मजबूत

विदेश मंत्री जयशंकर ने बाद में ट्विटर पर लिखा कि हम कोरोनावायरस के खिलाफ अपने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाएंगे। जयशंकर ने यूरोपीय संघ की विदेश व सुरक्षा नीति मंत्री जोसेप बोरेल के साथ भी बातचीत की। दोनों नेताओं के साथ जयशंकर ने कोरोना को लेकर समूह-20 देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई है।

चीन ने की कोरोना की लड़ाई में भारत को पूरी मदद देने की पेशकश

चीन के भारत में राजदूत सुन वीडोंग ने ट्विटर के जरिए दोनों देशों के बीच हुई वार्ता के महत्व को उजागर किया। उन्होंने लिखा कि वांग यी ने भारत में इस कोरोनावायरस के फैलने की स्थिति पर अपनी सद्भावना व सहयोग प्रदर्शित किया। उन्होंने अपनी तरफ से इस लड़ाई में भारत को पूरी मदद देने की भी पेशकश की है। चीन ने अपने अनुभव साझा करने के साथ ही इस वायरस के खात्मे के लिए जरुरी चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने की भी बात कही है।

चीन के राजदूत वीडोंग ने कहा- भारत कोविड-19 वायरस के खिलाफ लड़ाई को जीतेगा

वांग यी ने यह भरोसा भी जताया है कि भारत कोविड-19 वायरस के खिलाफ इस लड़ाई को जीतेगा। साथ ही यह भी कहा कि भारत व चीन को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए ताकि वैश्रि्वक स्तर पर इस तरह के संकट से लड़ा जा सके।

चीन के विदेश मंत्री ने कहा- कोरोनावायरस को लेकर मेरे देश के साथ हो रहा गलत व्यवहार

लगे हाथ चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कोरोनावायरस को लेकर चीन के साथ हो रहे गलत व्यवहार का भी मुद्दा उठाया कि किस तरह से चीन पर आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत ऐसा नहीं करेगा। वीडोंग ने लिखा है कि भारतीय विदेश मंत्री इस बात के लिए सहमत थे कि ऐसा नहीं होना चाहिए और भारत इस तरह के किसी भी प्रयास का विरोध करता है।

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