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कोविड-19: मजूदरों की मदद रहे हैं मोहम्मद शमी, बताया- भूख से बेहोश हुए शख्स की कैसे की थी मदद

भारतीय पेसर मोहम्मद शमी कोरोना वायरस के इस मुश्किल समय में अपने तरफ से योगदान दे रहे हैं। शमी इस वक्त अपने होमटाउन उत्तर प्रदेश के अमरोहा में हैं और दिहाड़ी मजूदरों की हर संभव मदद करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हाल ही में उन्होंने एक जरूरतमंद की मदद की, जो उनके दरवाजे तक आया था। यह शख्स राजस्थान से बिहार के सफर पर निकला था और भूखा था। शमी ने ना केवल इस शख्स की मदद की, बल्कि और भी जरूरतमंद दिहाड़ी मजदूरों की मदद कर रहे हैं।

चीन के वुहान से हाई वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। इस खतरनाक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए भारत में नेशनल लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है। पहले लॉकडाउन के बाद सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों को करना पड़ा था। इन मजदूरों को रहने और खाने की दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा रहा है। ऐसे में कई सेलिब्रिटी और दूसरे लोग इनकी मदद के लिए सामने आए हैं। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने भी जरूरतमंदों की मदद कर कोरोना के खिलाफ जंग में अपना योगदान दिया है।

युजवेंद्र चहल के साथ इंस्टाग्राम लाइव सेशन में मोहम्मद शमी ने बताया कि एक अपने शहर के एक ग्रुप के साथ काम कर रहे हैं, जो जरूरतमंदों के खाने और रहने की व्यवस्था कर रहा है। इस दौरान शमी ने बताया कि किस तरह उन्होंने एक शख्स की मदद की, जो उनके दरवाजे तक पहुंचा और बेहोश हो गया।

शमी ने बताया, ”वह राजस्थान से आया था। जरा सोचिए, उसे बिहार जाना था, लखनऊ से भी बहुत-बहुत दूर है। उसके पास बिहार जाने के लिए कोई साधन नहीं था और मैंने अपने घर से सीसीटीवी में देखा कि वह मेरे दरवाजे के पास भूख से बेहोश हो गया है। इसलिए मैंने उसके खाने का इंतजाम किया और मदद की।”

उन्होंने कहा, ”मैं कोशिश कर रहा हूं कि जितनी मदद कर सकता हूं, उतनी करूं। यहां कई प्रवासी मजदूर हैं, जो अपने घर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाईवे मेरे घर के पास है, जो मैं देख सकता हूं कि लोग किन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मुझे मदद करनी चाहिए और जितनी मदद कर सकता हूं मैं कर रहा हूं।”

इस लाइव सेशन के दौरान शमी ने कहा कि होम आइसोलेशन में भारतीय टीम के खिलाड़ी खाना बनाना जरूर सीख जाएंगे। उन्होंने कहा, ”मैं भी खाना बनाना सीख रहा हूं। मैं रसोई में जाता हूं और अपनी मां की मदद करता हूं।”

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