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गंगोत्री ग्लेशियर पर बर्फबारी में कमी, तापमान बढ़ा

EVEREST HIMALAYAN RANGE, NEPAL - MAY 15:  Aerial photograph of the Khumbu Icefall along Everest's West Shoulder May 15, 2003 on the Nepal - Tibet border. A record 1,000 climbers plan assaults on the 8,850-meter (29,035-foot) summit of Mount Everest to celebrate the 50-year anniversary of the first successful assault on the World's tallest mountain May 29, 2003. (Photo by Paula Bronstein/Getty Images)
 

कोलकाता: गंगा नदी को जल से पोषित करने वाले गंगोत्री ग्लेशियर का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और एक अध्ययन से पता चला है कि वहां हर साल अधिकतम तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और बर्फबारी में 37 सेंटीमीटर की कमी हो रही है। जलवायु वैज्ञानिकों की एक टीम ने वर्ष 2000 से लेकर 2012 तक की अवधि में 13 साल तक बर्फ और मौसम संबंधी मानकों का विश्लेषण किया।

हिम एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान, चंडीगढ़ की रिपोर्ट में कहा गया है, दशक के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में क्रमश: 0.9 डिग्री सेल्सियस तथा 0.05 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी का खुलासा हुआ। दशक के दौरान वाषिर्क बर्फबारी में 37 सेंटीमीटर की कमी का खुलासा हुआ। रिपोर्ट जल्द ही करंट साइंस पत्रिका में प्रकाशित होगी।

रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से जुड़े संस्थान के वैज्ञानिक तथ्यों को दर्ज करने के लिए ‘भोजबासा’ निरीक्षण केंद्र में आधारित थे जो गंगोत्री ग्लेशियर के मुहाने के नाम से जाने जाने वाले ‘गोमुख’ से करीब पांच किलोमीटर दक्षिण में है। वैज्ञानिक एवं अध्ययन करने वाली पांच सदस्यीय टीम के अग्रणी लेखक एचएस गुसाईं ने कहा, हम जानते हैं कि गंगोत्री सहित ग्लेशियरों का पिछले कुछ वर्षों में हृास हुआ है। इस रिपोर्ट में हमने इसे मौसम संबंधी डेटा से पुष्ट करने की कोशिश की है। यह जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दर्शाता है। उत्तराखंड में स्थित 30.2 किलोमीटर लंबा गंगोत्री ग्लेशियर भारत में दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है।

गंगा नदी में पानी की आपूर्ति के प्रमुख स्रोतों में से एक गंगोत्री ग्लेश्यिर पिछले 70 वर्ष में 1,500 मीटर से अधिक पीछे खिसक चुका है। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) ने पाया है कि गत एक सदी में वैश्विक सतही तापमान में करीब एक डिग्री की वृद्धि हुई है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भी तापमान बढ़ने और बर्फबारी घटने का समान रूझान पहले ही दिख चुका है।

अध्ययन के अनुसार गंगोत्री क्षेत्र में अधिकतम तापमान 9.8 डिग्री से लेकर 12 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जबकि न्यूनतम तापमान शून्य से 1.5 डिग्री नीचे से लेकर शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे के बीच रहता है। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2002 में क्षेत्र में सबसे ज्यादा हिमपात हुआ था जो 416 सेंटीमीटर था तथा 2004 और 209 में यह बहुत कम, क्रमश: 156 और 137 सेंटीमीटर दर्ज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक के दौरान 2004 सबसे गरम वर्ष रहा।

 

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