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गरुड़ पुराण: नर्क में ऐसे मिलती है मनुष्यो को उनके कर्मों की सजा

पुराणों से लेकर कठोपनिषद् तक हर जगह मृत्यु और उसके बाद की स्थिति का उल्लेख किया गया है। इन पुराणों में बताया गया है कि धरीत पर प्राणी जो भी काम करते हैं, उन्हें उनका फल परलोक में मिलता है। यमराज लोगों को उनके कर्म के मुताबिक स्वर्ग और नर्क में भेजते हैं। नर्क के बारे में उल्लेख किया गया है कि यहां जीवों को अजब-गजब दंड दिया जाता है और इसके लिए अलग-अलग नर्क तैयार किए गए हैं।

महावीचि:
महावीचि नाम का नर्क रक्त से भरा हुआ है इसमें वज्र के समान कांटे। इसमें गया हुआ जीव कांटों से बिंधकर कष्ट पाता है। कहते हैं गाय का वध करने वाला इस नर्क में एक लाख वर्ष तक रहकर कष्ट भोगता है।

कुंभीपाक
इस नर्क में गर्म रेत और अंगारे बिछे हुए हैं। इस नर्क में दूसरों की जमीन और धरोहर हड़पने वाले के अलावे ब्रह्मणों की हत्या करने वालों को भेजा जाता है।

मंजूस
इस नर्क में उन्हें दंड दिया जाता है जो निर्दोष को बंदी बनाते हैं। यह नर्क जलते हुए सलाखों का बना है जिसमें दोषी जीव को डालक जलाया जाता है।

अप्रतिष्ठ
इस नर्क में उन लोगों को डाला जाता है जो धार्मिक व्यक्तियों को कष्ट देते हैं। यह नर्क मल, मूत्र पीब से भरा हुआ है। इसमें पापी जीव को उलटा करके गिराया जाता है।

विलेपकः
इस नर्क में वैसे ब्राह्मण जाते हैं जो मदिरापान करते हैं। यह नर्क लाह की आग से जलता रहता है। इस आग में जीव को झोंक दिया जाता है।

महाप्रभ
यह नर्क बहुत ऊंचा है। इसमें बड़ा से शूल गड़ा है। जो व्यक्ति पति-पत्नी में विभेद करवाकर उन्हें अलग करवाते हैं उन्हे इस नर्क में डालकर शूल से छेदा जाता है।

जयंती
इस नर्क में एक विशाल चट्टान है। इस नर्क में परायी स्त्रियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाले को इसी चट्टान के नीचे दबाया जाता है।

शल्मलि
यह नर्क जलते हुए कांटों से भरा हुआ है। इस नर्क में उन स्त्रियों को जलते हुए शल्मलि वृक्ष का आलिंगन करना पड़ता है जो पर पुरुष से संबंध बनाती है। यहां परायी स्त्रियों से संबंध बनाने और कुदृष्टि रखने वालों की यमदूत आंखें फोड़ देते हैं

महारौरव
जो लोग खेत, खलिहान और गांव, घर में आग लगाते हैं उन्हें युगों तक इस नर्क में पकाया जाता है।

तामिस्र
इस नर्क में यमदूत भयानक अस्त्र शस्त्र से चोरों की पिटाई करते हैं।

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