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जीएसटी: 50 हजार से ज्यादा के माल की ढुलाई करने के लिए ई-वे बिल जरूरी

पठानकोट.जीएसटी लागू होने के बाद 50 हजार से ज्यादा के माल की ढुलाई पर ई-वे बिल लेना होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। केंद्र सरकार ने देशभर में 1 जुलाई से प्रस्तावित जीएसटी कानून में प्रावधान किया है। वहीं टैक्स चोरी रोकने के लिए अधिकारी माल की रास्ते में कहीं पर भी जांच कर सकेंगे जबकि ट्रांसपोर्टेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा 15 दिन मिलेंगे। अभी तक राज्य में माल ढुलाई पर बही ही पास करवानी पड़ती थी।
जीएसटी: 50 हजार से ज्यादा के माल की ढुलाई करने के लिए ई-वे बिल जरूरी
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने नियम जारी कर कहा है कि 50 हजार से ज्यादा की बिक्री उसको एक से दूसरी जगह ले जाने से पहले कारोबारियों को इलेक्ट्रॉनिक वे यानी ई-वे बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) वेबसाइट पर पंजीकरण के बिना राज्य के भीतर और बाहर सामान ले जाने पर रोक रहेगी। ई-वे बिल एक से 15 दिन के लिए मिलेगा। 100 किलोमीटर तक के लिए एक दिन और एक हजार किलोमीटर से ज्यादा के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। कॉमन पोर्टल पर ई-वे बिल जनरेट होने के बाद सप्लायर, माल पाने वाले और ट्रांसपोर्टर को ई-वे बिल नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। ड्राफ्ट नियमों के अनुसार ट्रांसपोर्टर या माल ढुलाई करने वाले व्यक्ति को रसीद या सप्लाई बिल अथवा डिलीवरी चालान के साथ ही ई-वे बिल की कॉपी या इसका नंबर साथ में रखना होगा। इसे या तो बिल के रूप में रखा जाएगा या वाहन में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) लगा होने पर इलेक्ट्रॉनिक मोड में रखा सकता है।

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टैक्स कमिश्नर व अधिकारी कहीं भी कर सकेंगे जांच
नियमों के अनुसार टैक्स कमिश्नर और अधिकृत अधिकारी के पास कहीं भी सामान की जांच करने का अधिकार होगा। इस दौरान अधिकारियों को ई-वे बिल की हार्ड कॉपी या इलेक्ट्रॉनिक मोड में इसे दिखाना होगा। यह जांच राज्य के भीतर या बाहर कहीं भी की जा सकेगी। जांच करने वाले अधिकारी को 24 घंटे के भीतर इसकी रिपोर्ट विभाग में देनी होगी। वहीं अगर कर अधिकारी वाहन को आधा घंटे से ज्यादा देर के लिए रोकते हैं, तो ट्रांसपोर्टर इसकी सूचना जीएसटीएन सर्वर पर दे सकता है। इस सूचना को अपलोड करने के लिए ट्रांसपोर्टर को निर्धारित फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा। एडिशनल कमिश्नर टैक्सेशन (एनफोर्समेंट) केएस राज का कहना है कि जीएसटी के प्रावधानों को स्टडी किया जा रहा है और अधिकारियों को उनके बारे में ट्रेनिंग मुहैया कराई जा रही है।

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