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जेएनयू ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ जारी की नयी नीति, झूठी शिकायत पर दंड

96579-jnuनई दिल्ली :जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने यौन उत्पीड़न को लेकर एक नयी नीति की अधिसूचना जारी की है और इसमें झूठी शिकायतों के लिए भी दंड का प्रावधान किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो साल में इस विश्वविद्यालय में दिल्ली के किसी अन्य संस्थान की तुलना में यौन उत्पीड़न की सर्वाधिक शिकायतें दर्ज करायी गयीं। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय को छोड़कर वर्ष 2013 तक राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से यौन उत्पीड़न के 101 मामलों की सूचना दी गयी। इनमें करीब 50 प्रतिशत मामले जेएनयू से जुड़े थे। डीयू ने इस तरह के मामलों की सूची नहीं दी है।

जेएनयू में इस तरह के मामलों को देखने के लिए एक अलग जेंडर सेंसिटाइजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हरैसमेंट (जीएससीएएसएच) है। समिति ने इस वर्ष सितंबर में उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2013 के दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधित नियमों और प्रकियाओं का मसौदा कुलपति एसके सोपोरी को भेजा था जिसे विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने मंजूरी दे दी है।

नीति में जो सबसे अहम संशोधन किया गया है उसमें इस बात का प्रावधान किया गया है कि शिकायतकर्ता और प्रत्यक्षदर्शी को बाद में पीड़ित ना होना पड़े। इसके अलावा झूठी शिकायत की स्थिति में दंड का प्रावधान भी शामिल किया गया है।

नयी नीति में ‘कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न’ और ‘शैक्षणिक स्थलों पर यौन उत्पीड़न’ के लिए विभिन्न धाराएं हैं। इसके अलावा अगर शिकायतकर्ता जीएससीएएसएच के फैसले से असंतुष्ट है तो उसके लिए फिर से अपील करने के लिए विभिन्न प्रावधान किये गये हैं।

 

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