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झारखण्ड में बच्चा बेचने के आरोप में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की दो सिस्टर गिरफ्तार


रांची : झारखंड की राजधानी रांची स्थित मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी पर कथित तौर पर बच्चों को बेचने का आरोप लगा है। राज्य की बाल कल्याण समिति ने इस मामले में चैरिटी के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस सिलसिले में चैरिटी की एक महिला कर्मचारी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। साथ ही दो सिस्टरों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।

रांची में कोतवाली थाना के इंचार्ज एस एन मंडल ने चैरिटी की महिला कर्मचारी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। झारखंड बाल कल्याण समिति ने नवजात बच्चे को इस समिति से बरामद कर लिया है। फ़िलहाल इन बच्चों को एक अन्य संस्था में रखा गया है। थाना इंचार्ज एस एन मंडल ने बताया, कुछ और बच्चों के भी अवैध तरीक़े से बेचे जाने की बात सामने आई है। उन बच्चों की माँओं के नाम पुलिस को मिले हैं। इसकी जाँच की जा रही है। पुलिस ने इस सेंटर में छापा मारकर एक लाख 48 हज़ार रुपये भी ज़ब्त किए हैं। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार की गई और हिरासत में ली गई महिला कर्मियों ने बच्चों को बेचने की बात स्वीकार कर ली है। इस बीच बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रूपा कुमार ने बताया है कि मानव तस्करी से मुक्त कराई गई या पाई गई वैसी नाबालिग युवतियाँ जो अविवाहित रहते हुए गर्भवती हो जाती हैं, उन्हें निर्मल हृदय मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी में आश्रय दिया जाता है। इसकी पूरी जानकारी बाल कल्याण समिति को होती है।

अध्यक्ष रूपा कुमार ने बताया कि फ़िलहाल जिस मामले को लेकर कार्रवाई की जा रही है, उसमें नवजात बच्चे को उत्तर प्रदेश में रहने वाले एक दंपती के हाथों एक लाख बीस हज़ार रुपये में बेचा गया था लेकिन उस दंपती से वह पैसे अस्पताल ख़र्च के नाम पर लिए गए। चैरिटी संस्था में कार्यरत महिलाकर्मियों ने किशोर न्याय अधिनियम की जानकारी होने के बावजूद इस कृत्य को अंजाम दिया है।

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