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ट्रंप ने अपनी ही खुफिया एजेंसी को गलत ठहराते हुए रूस-अमेरिका रिश्तों में सुधार की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूसी समकक्ष ब्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता में अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई को गलत ठहराते हुए रूस-अमेरिका रिश्तों में सुधार की घोषणा को लेकर अमेरिका में नाराजगी है। ट्रंप ने अपनी ही खुफिया एजेंसी को गलत ठहराते हुए रूस-अमेरिका रिश्तों में सुधार की घोषणा

ट्रंप ने ट्वीट किया कि रूस के साथ खराब संबंधों की वजह अमेरिकी मूर्खता और बेवकूफी है साथ ही निशाना बनाकर की जा रही जांच है। रूस ने इस ट्वीट को लाइक कर इसके प्रति सहमति जताना बताता है कि ट्रंप अपनी ही खुफिया एजेंसी को झूठा ठहरा रहे हैं। अमेरिकी मीडिया ने इसे देशद्रोह से अधिक कुछ नहीं माना। 

ट्रंप ने न सिर्फ अमेरिका की विदेश नीति की परंपरा तोड़ी है बल्कि उन्होंने अपने विरोधी नेता के बयान का समर्थन करके गलत परंपरा डाली है। अमेरिकी विदेश नीति की परंपरा का टूटना किसी देशद्रोह से कम नहीं है। 

इस बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी रॉबर्ट मुलर द्वारा 2016 के चुनावों में रूसी हस्तक्षेप को लेकर की जा रही जांच को सियासी खेल बताते हुए इसे अनुमति नहीं देने की बात फॉक्स न्यूज से बात करते हुए कही है। मुलर रिपोर्ट में 12 रूसी अधिकारियों पर अभियोग दाखिल करने पर भी कोई चिंता नहीं जताई। यह साबित करता है कि ट्रंप-पुतिन वार्ता शर्मनाक है। 

ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप की जांच को अमेरिका के लिए त्रासदी तक कह डाला। इस पर वाशिंगटन पोस्ट ने दावा किया कि ट्रंप को साझा प्रेसवार्ता के लिए 100 पेज की ब्रीफिंग दी गई थी जिसमें पुतिन पर जुबानी हमले की बाद लिखी थी लेकिन ट्रंप ने अपनी मर्जी से पुतिन के पक्ष में बयान दिए। 

सीएनएन ने लिखा है कि ट्रंप ने विदेशी धरती पर विरोधी देश में अपने देश की खुफिया एजेंसी को जिस तरह झूठा ठहराया है वह साबित करता है कि रूस ने अमेरिकी चुनाव में ट्रंप को फायदा पहुंचाया है। यह सब देशद्रोह की श्रेणी में आता है।

भारतवंशी सांसदों ने जताया विरोध

हेलसिंकी में ट्रंप ने जिस तरह से अपने पारंपरिक विरोधी देश के नेता के पक्ष में बयानबाजी की है उसे लेकर भारतवंशी सांसदों ने भी नाराजगी जताई है। भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि ट्रंप ने अपनी ही खुफिया एजेंसियों पर किसी अन्य देश के नेता के साथ पक्षपात किया है। 

उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए इसका क्या मतलब है यह शायद ट्रंप समझ नहीं पाए हैं। भारतवंशी अन्य सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर ट्रंप अपने विरोधी पुतिन से मुकाबला करने में असफल रहे हैं।

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