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डॉन को नहीं पचा जे डे का विरोधियों से मिलना

j_dey_rajan_06_08_2016मुंबई। मिड डे के पत्रकार जे डे की हत्या को लेकर नए खुलासे हुए हैं। कोर्ट में पेश सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, जे डे अंडरवर्ल्ड की दुनिया, और खासतौर पर छोटा राजन, पर किताब लिखना चाहते थे। इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि राजन खुद को असुरक्षित महसूस करने लगा और जे डे को मरवा दिया।

मिड डे के मुताबिक, जे डे रिटायर होकर राजन पर किताब लिखने की योजना बना रहे थे। जानकारी जुटाने के लिए जे डे ने लंदन और फिलिपिंस से राजन तथा उससे जुड़े लोगों के मिलने की योजना बनाई थी।

तब तक सबकुछ ठीक था, लेकिन जैसे ही राजन को भनक लगी कि जे डे उसके विरोधियों से भी मिल रहे हैं और इंटरव्यू ले रहे हैं तो वह डर गया। खुद को असुरक्षित समझने लगा और उसने जे डे को अपने रास्ते से मिटाने की ठान ली। यही पत्रकार की हत्या का मूल कारण रहा।

सूत्रों के मुताबिक, राजन को पता चल गया था कि जे डे उसके बारे में क्या लिखने जा रहे हैं? सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, जे डे “चिंदी : रंक से राजा” नाम से किताब लिख रहे थे, जिसमें 20 अपराधियों की कहानी थी। इनमें एक राजन भी था। चिंदी अपराधियों के लिए अपमानजनक शब्द माना जाता है। किताब से राजन के कई झूठ सामने आने वाले थे।

राजन को कुछ लोगों के जरिये किताब की जानकारी मिल गई थी। तभी से वह किताब न छपवाने के लिए दबाव बना रहा था, लेकिन डे ने उसकी बात नहीं मानी। इसी कारण 2011 में उनकी हत्या हुई।

जांच एजेंसी ने चार्जशीट में 41 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। गवाहों में रविराम रत्तेसर भी शामिल है। उसे अतिरिक्त आरोपी बनाया गया है। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि रविराम पहले गवाह था लेकिन बाद में उसे राजन और सतीश कालिया के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी पाया गया।

उसने राजन के निर्देश पर कई ग्लोबल सिम मुहैया कराए थे। चार्जशीट में अन्य आरोपी से राजन की बातचीत के टेप को भी शामिल किया गया है। फॉरेंसिक रिपोर्ट में टेप की आवाज राजन के वॉइस सैंपल से मिलने की बात कही गई है।

 

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