उत्तर प्रदेशफीचर्डराज्यलखनऊ

तिहरे हत्याकांड के 15 आरोपियों को आजीवन कारावास

orderबहराइच: उत्तर प्रदेश में बहराइच की एक अदालत ने 32 वर्ष पहले हुए तिहरे हत्याकाण्ड के 15 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मल्हीपुर क्षेत्र में हुए इस तिहरे हत्याकाण्ड को लेकर नामजद 25 लोगों में से अब तक 10 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मल्हीपुर क्षेत्र अब श्रावस्ती जिले में आता है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मल्हीपुर क्षेत्र के लक्ष्मनपुर सेमरहनिया गांव निवासी त्रिभुवन्नदत्त उर्फ गुल्ली रानीसीर कांजी हाउस के ठेकेदार थे।26 मार्च 1983 को रात करीब साढ़े नौ बजे के कांजी हाउस का मुंशी मनोरथ उनको जरूरी काम होने की बात कहकर घर से ले गया। कांजी हाउस जाते समय त्रिभुनवदत्त पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडे और गड़ासे से हमला कर दिया। चीख पुकार सुनकर त्रिभुवनदत्त के भाई बलदेव और उनका बेटा चंद्रप्रकाश उर्फ पंगुल बचाने दौड़े तो उन पर जानलेवा हमला किया गया। इस हमले में तीनों की मृत्यु हो गयी। इस दौरान मौके पर पहुंचे परिजनो और ग्रामीणों ने हमलावरों की पहचान की। घटना के अगले दिन मल्हीपुर थाने में मृतक बलदेव के पुत्र दीनानाथ ने 25 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। अदालत में जारी मुकदमें के दौरान 10 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी थी जबकि 15 आरोपियों के मामले में कल शाम विशेष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार की अदालत पर सुनवाई हुई।सरकारी वकील संत प्रताप सिंह ने बहस के दौरान सभी हत्यारोपियों को मृत्युदंड की सजा देने के लिए बहस की मगर अदालत ने मुकदमें की अवधि अधिक बीतने की दलील के साथ सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 20-20 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है। उम्रकैद की सजा पाये लोगों में मल्हीपुर क्षेत्र के लक्ष्मनपुर सेमरहनिया निवासी बच्चा, बकरीदी, मुस्लिम, गया प्रसाद, प्यारे, समयदीन, मनीराम, अमजद, चिरकू, जमुना, फेरन, बुढ़ऊ, बंशीलाल और ढोंगा शामिल हैं।

Related Articles

Back to top button