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दिल्ली: अधिकारियों ने 41 गोदामों पर मारा छापा, सुबह तक चली कर विभाग की छापेमारी

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के व्यापार व कर (टीटी) विभाग के 41 टीम में 140 कर अधिकारियों ने दिल्लीभर में 21 ट्रांसपोर्टरों के 41 गोदामों और ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें भारी संख्या में टैक्स चोरी के मामले सामने आए हैं। शुक्रवार शाम से शुरू हुई कार्रवाई भोर तक चली। एक साथ छापेमारी की इस कार्रवाई से दिल्ली के ट्रांसपोर्टरों में खलबली है। शुरुआती जांच में 1.18 करोड़ रुपये के वस्तुओं के दस्तावेज नहीं मिले हैं। वहीं, दो गोदामों को सील कर दिया गया है। कार्रवाई में 50 के करीब सुरक्षा के जवानों को भी साथ रखा गया था।

विभाग के आयुक्त एच राजेश प्रसाद ने बताया कि छापेमारी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून-2017 के तहत की गई, जिसमें व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से बड़ी कर चोरी के मामला सामने आया है। वैसे, विभाग पिछले दो माह से व्यवसायिक वाहनों की जांच कर रहा था।

इसमें 200 ऐसे ट्रक पकड़ में आए, जिनके चालकों के पास ई-वे बिल, इन्वाइस और सामान की रसीद (जीआर) में खामियां थी। ऐसे मामले में 4.18 करोड़ रुपये जुर्माना के रूप में वसूले गए। विभाग के मुताबिक ट्रक चालकों से ही पूछताछ में कर चोरी में ट्रांसपोर्टरों व व्यापारियों की संलिप्तता का पता चला, जिसके बाद एक साथ छापेमारी का फैसला लिया गया।

शुक्रवार शाम को एक साथ कर अधिकारियों के दल ने ट्रांसपोर्टरों के ठिकानों और गोदामों पर धावा बोल दिया। इसमें पुरानी दिल्ली स्थित कमला मार्केट, बाग दीवार, नया बाजार, कुतुबरोड, खन्ना मार्केट के अलावा बाहरी दिल्ली स्थित अलीपुर, स्वरूप नगर, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर और गांधी नगर इलाके समेत दिल्ली के अन्य स्थानों पर मौजूद गोदामों में जांच की कार्रवाई की गई।

छापेमारी से जहां ट्रांसपोर्टरों में खलबली रही, वहीं दिल्ली के कारोबारियों में भी इसे लेकर कयास लगाए जाते रहे। जांच के दौरान टीमों ने दस्तावेजों का पेटी व बंडलों में रखे माल का मिलान कराया। जांच टीमों ने गोदामों में मौजूद पेटियों को तोड़कर व बंडलों को फाड़कर उसमें रखे सामानों का दस्तावेजों से मिलान कराया। जांच में यह देखा गया कि कहीं रसीद में जो सामान दर्ज है वही जा रहे हैं, उसी मात्र में जा रहे हैं? क्या इनका टैक्स भुगतान किया गया है? इसे लेकर कर विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टरों और मौजूद कर्मचारियों से अलग-अलग पूछताछ भी की।

पूरी कवायद में बड़े पैमाने पर कर चोरी के गोरखधंधे का पता चला। 18 ठिकानों व गोदामों में अनियमितता मिली। यहां पर्याप्त दस्तावेजों के ही ट्रांसपोर्टरों द्वारा सामान रखा गया था। इन्वाइस बिल, सामान की रसीद व ई-वे बिल में गड़बड़झाला था। ऐसे में अधिकारियों ने दस्तावेजों को जब्त कर लिया। साथ ही बिना विभाग को बताए सामान न हटाने की चेतावनी दी है।

इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, पर विभाग ने अधिकारियों को कर चोरी में संलिप्त रहने वाले ट्रांसपोर्टरों व डीलरों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

वैसे, छापेमारी से ट्रांसपोर्टरों में दहशत के साथ नाराजगी है। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्टर आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा कि ट्रांसपोर्टर न तो जीएसटी लेता है और न ही उसे जमा कराता है। उसका काम तो माल को यहां-वहां पहुंचाना भर है।

हम दस्तावेज के आधार पर माल बुक कर उसे आगे भेज देते हैं, लेकिन हमारे साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है, जैसे हम सीधे कर चोरी में लिप्त है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ट्रांसपोर्टर्स जल्द दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री व कर विभाग के आयुक्त से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे।

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