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देश में एक दिन में टीकाकरण का नया रिकार्ड, 88.13 लाख डोज लगाईं

नई दिल्ली। इस साल के आखिर तक देश के सभी पात्र वयस्कों को कोरोना रोधी टीका लगाने के लक्ष्य को हासिल कर लेने की उम्मीद बढ़ गई है। देश ने पिछले 24 घंटे के दौरान 88.13 लाख टीके लगाकर कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में एक दिन में सर्वाधिक टीके लगाने के अपने ही रिकार्ड को ध्वस्त किया है। इसे पहले टीकाकरण महाभियान के पहले दिन 21 जून को 87 लाख से ज्यादा डोज लगाई गई थीं। रिकार्ड टीकाकरण पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर बधाई दी।

उन्होंने लिखा, ‘भारत ने एक दिन में कोरोना के टीके लगाने में सर्वोच्च रिकार्ड हासिल किया है। कल का दिन दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में दर्ज होगा। बधाई हो।’मंगलवार सुबह सात बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में अब तक कुल 55.47 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। इसके लिए 62.12 लाख से ज्यादा टीका सत्रों का आयोजन किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 88.13 लाख डोज लगाने के साथ ही समग्र टीकाकरण का दायरा बढ़कर 55.47 करोड़ हो गया है। इसमें 45 फीसद पात्र वयस्क लोगों ने वैक्सीन की पहली और 13 फीसद पात्र लोगों ने दोनों डोज लगवाई हैं।

कोरोना वायरस के खिलाफ टीके को सबसे बड़ा हथियार करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन यानी 21 जून से टीकाकरण का महाभियान शुरू करने का एलान किया था। टीकाकरण की गति तेज करने के लिए केंद्र की तरफ से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की उपलब्धता के बारे में 15 दिन पहले ही जानकारी दे दी जाती है, ताकि उसी के मुताबिक वो अपनी योजना तैयार कर सकें। इसका लाभ मिल रहा है और टीकाकरण की गति बढ़ी है।

मंत्रालय ने बताया कि केंद्र की तरफ से अभी तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 56.81 करोड़ डोज मुहैया कराई गई हैं और जल्द ही 1.09 करोड़ डोज और उन्हें दे दी जाएंगी। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 55.11 करोड़ डोज का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें खराब हुई डोज भी शामिल हैं। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास अभी 2.25 करोड़ डोज बची हैं।

पिछले 24 घंटों में भारत में 25,166 हजार नए मामले सामने आए हैं, जो 154 दिनों में अब तक के सबसे कम मामले हैं। वहीं, कुल सक्रिय मामलों का दर 1.15% है। बता दें कि मार्च 2020 के बाद यह दर से सबसे कम है।

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