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धारा 377 को खत्‍म करने की मांग लेकर समलैंगिकों ने SC में लगाई याचिका

lfbt_2016628_122535_28_06_2016एजेंसी/ नई दिल्ली। अपने अधिकारों को लेकर समलैंगिक समुदाय (एलजीबीटी) के लोगों ने अपनी लड़ाई को और तेज कर दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने एक बार फिर से यौन संबंध में प्राथमिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रूख करते हुए जीने के अधिकार के नाम पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को खत्म करने की मांग की है।

इस मामले में नृत्यक एस.एस. जौहर, पत्रकार सुनील मेहरा, रितु डालमिया, होटल के मालिक अमन नाथ और व्यावसायी आयशा कपूर की तरफ से याचिका लगाई गई है, जिस पर 45 दिनों के अवकाश के बाद सुप्रीम कोर्ट में 29 जून को सुनवाई होगी। समलैंगिकों की तरफ से इस मामले की पैरवी जाने-माने वकील कपिल सिब्बल और अरविंद दतार जिरह कर समलैंगिकों के समर्थन में कोर्ट के सामने बातें रखेंगे।

समलैंगिकों की तरफ से दायर ताजा याचिका के बाद एक बार फिर से नाज फाउंडेश की तरफ से दाखिल लंबित याचिका और समलैंगिक के प्रति सहानुभूति रखने वाले फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के प्रयासों को बल मिलेगा।

समलैंगिक संबंध बनाने वालों को अपराध मानने वाली आईपीसी की आईपीसी 377 के खिलाफ दो बार लगाई गई याचिका पर सुनावई से इनकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 2 फरवरी को इसे पांच न्यायाधीशों की बेंच के पास भेजते हुए इसे ‘महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दा’ करार दिया गया था।

एनजीबीटी के इस कदम के बाद अब सरकार पर भी इस पर अपना पक्ष रखने को लेकर तैयारी कर रही है। मंगलवार को कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने एटॉर्नी जनरल से मुलाकात की। मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि याचिका को लेकर एजी से बात हुई है और हम आज निर्णय लेंगे कि सरकार अपना पक्ष क्‍या और कैसे रखेगी।

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