उत्तर प्रदेशफीचर्डराजनीतिराज्यलखनऊ

निर्वाचन आयोग की मर्यादा गिरा रहीं सपा- बसपा व कांग्रेस : राजनाथ

rajलखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा)  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस पर भारत निर्वाचन आयोग की मर्यादा को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया।उत्तर प्रदेश की राजधानी में सोमवार को पत्रकारों से रूबरू हुए राजनाथ ने कहा कि सपा  बसपा और कांग्रेस का भी किसी भी संवैधानिक संस्था में विश्वास नहीं है  जबकि भाजपा ऐसी संस्थाओं का समुचित आदर करती है।गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद सपा नेता एवं उप्र के कबीना मंत्री आजम खां ने रविवार को निर्वाचन आयोग पर आरोप मढ़ा था कि वह कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है।निर्वाचन आयोग ने भाजपा नेता अमित शाह को भी उप्र में चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंध कर दिया है। उन पर ‘भड़काऊ भाषण’ देने का आरोप है। मगर राजनाथ ने कहा कि अमित शाह ने कोई ऐसा बयान नहीं दिया था जो चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता हो। उन्होंने यह भी कहा कि शाह ने अपनी तरफ  से धार्मिक भावनाओं को भड़काकर वोट के धु्रवीकरण की बात नहीं की थी।

राजनाथ ने सपा  बसपा और कांग्रेस पर वोट के ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि ये पार्टियां इस चुनाव में सांप्रदायिकता का जहर घोल रही हैं  जो भारतीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। इससे पूर्व डा. मुरली मनोहर जोशी के बयान का बचाव करते हुए राजनाथ ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं और इन्हें अलग कर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि मोदी आज देश में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं और जनता केवल उन्हीं को प्रधानमंत्री के रूप में देख रही है। राजनाथ ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता डा. जोशी का इस सबंध में जो बयान आया है उसे गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। ज्ञात हो कि डा. जोशी ने रविवार को एक समाचार चैनल पर बयान दिया था कि देश में मोदी की नहीं  बल्कि भाजपा की लहर है। राजनाथ ने बड़ी चतुराई के साथ इस सवाल को टालते हुए भाजपा और मोदी को एक माना। उन्होंने कहा कि देश में इस समय परिवर्तन की लहर चल रही है और जो लोग परिवर्तन चाहते हैं  वे विकल्प के रूप में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग की सरकार चाह रहे हैं। इस संबंध में राजनाथ का तर्क था कि जनता 1998 से 2००4 के बीच की राजग सरकार और उसके बाद आई कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की तुलना कर इस नतीजे पर पहुंची है कि देश में बेहतर सुशासन राजग ही दे सकती है। राजनाथ ने दावा किया कि तुलनात्मक दृष्टि से राजग का शासन बहुत अच्छा था। उस समय आर्थिक विकास दर आठ फीसदी से अधिक और मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से कम थी  लेकिन संप्रग शासन में यह विकास दर मात्र 4़ 8 प्रतिशत है  जबकि मुद्रास्फीति 1० प्रतिशत पहुंच चुकी है। देश में पूंजीनिवेश का माहौल नहीं है। विदेशी निवेशकों के साथ-साथ घरेलू निवेशक भी यहां निवेश करने से कतरा रहे हैं। 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि संप्रग की सरकार राजनयिक मोर्चे पर भी विफल रही है। आंतरिक और बाह्य सुरक्षा भी इस सरकार के जमाने में बहुत ही लचर रूप में रहा। ऐसे में देश की जनता यह मानकर चल रही है कि इस स्थिति से छुटकारा भाजपा के ही नेतृत्व में ही मिल सकता है और उसी में इन चुनौतियों से निपटने की क्षमता है।राजनाथ ने दावा किया कि वर्तमान माहौल को देखते हुए यह लग रहा है कि भाजपा और उसके सहयोगी दल मिलकर लगभग 3०० सीटें जीत सकते हैं। उप्र की 8० सीटों में से उन्होंने पिछले 58 सीटों के रिकॉर्ड को भी तोड़ने का दावा किया। एक अन्य सवाल के जवाब में राजनाथ ने कहा कि यह सत्य है कि पूरे देश में गुजरात के विकास मॉडल को लागू नहीं किया जा सकता  क्योंकि हर जगह की स्थिति अलग होती है लेकिन गुजरात में अभूतपूर्व विकास हुआ है जिसकी सराहना सोनिया के नेतृत्व वाली राजीव गांधी फाउंडेशन नामक संस्था और अमेरिका की संसदीय कमेटी ने भी की है।

Related Articles

Back to top button