राजनीति

नोटबंदी पर बोले जेटली, पीएम मोदी को भविष्य तो राहुल को संसद में खलल की चिंता

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी को लेकर फेसबुक पर एक ब्लॉग लिखा है, जिसमें उन्होंने कई बातों का जिक्र किया है। अपनी फेसबुक पोस्ट, नोटबंदी : पिछले दो महीनों पर एक नजर में उन्होंने नोटबंदी के फायदे, कालेधन पर प्रहार और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। 
जेटली ने राहुल पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगली पीढ़ी के बारे में सोचते हैं, तो राहुल गाधी किस तरह संसद की कार्यवाही को बाधित किया जाए, सिर्फ यही सोचते हैं।
जेटली ने लिखा, यह एक त्रासदी है कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी ने बदलाव और सुधार के विरोध का फैसला किया। जो कालेधन के लिए अनुकूल यथास्थिति का समर्थन जैसा है। उन्होंने लिखा है कि कई मीडिया संस्थानों ने नोटबंदी के फैसले पर सर्वे कराया जिसमें लोगों का एक बड़ा धड़ा ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है। वहीं विपक्ष संसद का एक पूरा सत्र को ही इस मुद्दे पर बाधित कर दिया।  
जेटली ने स्वीकार किया कि नोटबंदी की वजह से कुछ शॉर्ट-टर्म पेन (कम समय के लिए तकलीफ) जरूर हुए लेकिन उन्होंने दावा किया कि अब चीजें सामान्य हो रही हैं। उन्होंने लिखा है कि सिर्फ बैंकों में जमा होने से पैसे का रंग नहीं बदल गया है। अब यह बात छुपी नहीं रही कि धन किसका है। उन्होंने कहा कि अब धन रखने वालों की पहचान की जा सकती है।

कालेधन का रंग नहीं बदलता : जेटली

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अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि नोटबंदी के बाद हुई परेशानी और असुविधा समाप्त होने लगी है और आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि बैंकों के पास बड़ी मात्रा में नकदी आने से ब्याज दरें नीचे आएंगी। 
वित्त मंत्री ने कहा, जब एक साथ 86 प्रतिशत मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12.2 प्रतिशत है और उसे नई करेंसी से बदला जाए, तो उस फैसले के बड़े प्रभाव होना स्वाभिवक है।
जेटली ने कहा कि बैंकों के आगे से अब कतारें समाप्त हो गई हैं और बैंकिंग प्रणाली में नकदी डालने का काम आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, दर्द और असुविधा का समय समाप्त हो रहा है। आर्थिक गतिविधियां रास्ते पर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के लिए साहस और क्षमता दोनों की जरूरत है। इस फैसले के क्रियान्वयन से परेशानी होगी। इससे लघु अवधि में आलोचना तथा असुविधा होगी। 
नोटबंदी की वजह से कारोबारी गतिविधियों में गिरावट का अर्थव्यवस्था पर क्षणिक असर होगा। उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में बंद हुए नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह वैध धन हो गया। सिर्फ बैंकों में जमा होने से कालेधन का रंग नहीं बदलता। इसके उलट अब यह अपनी गोपनीयता गंवा चुका है। यह पहचान की सकती है कि बैंकों में जमा धन का मालिक कौन है।

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