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टेंडरों को लेकर जिपं अध्यक्ष और एएमए भिड़े, जमकर हुई कहासुनी

akhilesh-07-10-2016-1475813816_storyimageटेंडरों को लेकर कई महीने से जिपं अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) के बीच चल रहा शीत युद्ध गुरुवार को कहासुनी में बदल गया। जिपं अध्यक्ष और एएमए ऑफिस में भिड़ गए। खूब गरमा-गरमी हुई। एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए गए। विवाद के बाद एएमए ने चुप्पी साध ली। वहीं, जिपं अध्यक्ष ने उन्हें बरेली से हटवाने के लिए मुख्यमंत्री से शिकायत करने का ऐलान कर दिया।

जिला पंचायत में विकास कार्य थम गए हैं। इससे सदस्य नाराज हैं। अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के लिए जिपं अध्यक्ष दबाव भी बना रहे हैं। टेंडर और ठेकेदारों को लेकर जिपं अध्यक्ष संजय सिंह और एएमए रामपाल सिंह यादव के बीच पहले दिन से ठनी हुई है। एएमए जिला पंचायत अध्यक्ष के आदेश को दरकिनार करने से भी गुरेज नहीं करते।

विवाद की वजह ठेकों के अलावा दो कर्मचारियों का निलंबन भी बताया जा रहा है। हाल ही में एएमए ने दो कर्मचारी सस्पेंड कर दिए जबकि जिपं अध्यक्ष ने इसका अप्रूवल ही नहीं दिया। ऐसा ही एरियर के भुगतान को लेकर भी हुआ। दो साल से कर्मचारियों को एरियर नहीं मिला है। संजय सिंह ने एएमए को भुगतान करने के लिखित आदेश दिए पर उन्होंने इसे भी हवा में उड़ा दिया।

जिपं अध्यक्ष तीन दिन से एएमए को वार्ता के लिए कैंप ऑफिस बुला रहे थे। लेकिन उन्होंने वहां आने से साफ इंकार दिया। एएमए के रवैये से खफा जिपं अध्यक्ष गुरुवार को उनके ऑफिस पहुंच गए। जिपं अध्यक्ष ने कैंप ऑफिस न आने की वजह पूछी। इस पर एएमए ने सीधा जवाब नहीं दिया तो दोनों में कहासुनी हो गई। संजय सिंह ने एएमए को सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सूत्रों का कहना है कि एएमए ने संजय सिंह को समय पर मुकम्मल जवाब देने की बात कही। इस पर संजय सिंह ने एएमए को सस्पेंड कराने की धमकी दी।

जिपं अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि हम जिपं में गलत काम नहीं होने देंगे। एएमए हमारे आदेशों की अनदेखी कर फैसले कर रहे हैं। टेंडर नहीं होने दे रहे। बेवजह कर्मचारी सस्पेंड कर दिए। हमारे प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखते। मैं उनकी शिकायत सीएम से करूंगा। इनको बरेली में नहीं रहने दूंगा। छुट्टियों के बाद इनका तबदला हो जाएगा उधर एएमए रामपाल सिंह यादव बोले, मुझसे इस मामले में कुछ नहीं कहना। जो भी होगादेखा जाएगा।

 
 
 

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