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न बोलते हुये सब कुछ बता देना ही कला है : राम नाईक

राज्यपाल ने स्व0 शरद पाण्डेय की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने विख्यात चित्रकार स्व0 शरद पाण्डेय की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी पत्नी श्रीमती नलिनी पाण्डेय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी आर्ट जर्नी आफ शरद पाण्डेय का आज ललित कला अकादमी अलीगंज में उद्घाटन किया। इस अवसर पर चित्रकार एवं प्रधानाचार्य आर्किटेक्चर कालेज लखनऊ डॉ0 वंदना सहगलए ख्यातिलब्ध फोटोग्राफर श्री रवि कपूर सहित अन्य कलाकार एवं कला प्रेमीजन उपस्थित थे।

राज्यपाल ने प्रदर्शनी के अवलोकन के पश्चात् अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि वे ललित कला अकादमी में कई बार आ चुके हैं लेकिन आज की प्रदर्शनी की अपनी विशेषता है। स्व0 शरद पाण्डेय जी से परिचय तो नहीं था, जब उनके व्यक्तित्व के बारे में बताया गया तो लगा कि आना मेरा फर्ज है। यहाँ आने का निर्णय यादगार रहेगा। जो इस दुनिया में आता है वह जाता भी है। मगर जाने से पहले उसने क्या किया उसका जीता जागता प्रमाण हम आज देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पति की स्मृति में उनकी कला कृतियों की प्रदर्शनी आयोजित करना साहस दिखाने जैसा काम है। समाज तक उनका काम पहुंचाना शांति देने वाला कदम है जिसमें रंग, ब्रश और कलम की ताकत दिखती है।

श्री नाईक ने कहा कि न बोलते हुये सब कुछ बता देना ही कला होती है और यही कला की श्रेष्ठता है। कृतित्व बिना शीर्षक के संवाद करते हैं जैसे चित्र न होकर सजीव हों। कला समाज के लिये एक खजाना है। शरद जी का निधन कला क्षेत्र की हानि है। चित्र देखकर मन को समाधान होता है। देश का एक अच्छा चित्रकार जल्दी चला गया मगर प्रदर्शनी के माध्यम से वे अमर हो गये। उन्होंने कहा कि कला के छात्रों के लिये यह प्रदर्शनी खजाना देखने जैसा अवसर है। राज्यपाल ने चरैवेति! चरैवेति!! को उद्धृत करते हुये कहा कि चलते रहना ही जीवन और सफलता का मंत्र है। उन्होंने अपने बचपन में चित्र बनाने के प्रसंग का भी उल्लेख किया। कार्यक्रम में डॉ0 वंदन सहगलए श्री रवि कपूर ने स्व0 शरद पाण्डेय की कला कृतियों एवं व्यक्तित्व पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रो0 साबरा हबीब ने किया।

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