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पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों पर वेंकैया नायडू ने लगाया दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली:

venkaiah-naidu-650_650x488_41441560532बेंगलुरु: केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों पर दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने शनिवार को कहा कि वे देश में बढ़ती असहिष्णुता के लिए प्रधानमंत्री पर हमला करने में चुनिंदा रुख अपना रहे हैं, जबकि उन्होंने पूर्व में आपातकाल सहित कांग्रेस की गलतियों की अनदेखी की।

वेंकैया नायडू ने आरोप लगाया कि पुरस्कार लौटाने वाले सभी लोग जब राजनीतिक तौर पर नरेंद्र मोदी से नहीं जीत पाए तो मौजूदा एनडीए सरकार को बदनाम करने में कांग्रेस का साथ देने लगे।

वेंकैया ने इस बात पर भी आपित्ति जताई की कर्नाटक के धारवाड़ में हुए प्रोफेसर कलबुर्गी की हत्या के लिए जिस संगठन पर शक है, उसे राइट विंग हिन्दू ऑर्गेनाइजेशन के नाम से संबोधित किया जाता है जो कि सही नहीं है। बल्कि यह हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश है।

वेंकैया ने कहा कि मुंबई में हुए सिलसिलेवार धमाकों को जब किसी पत्रकार ने मुस्लिम टेररिज्म का नाम दिया तो खुले ख्याल वाले कुछ लेखकों और पत्रकारों ने ये कहते हुए आपत्ति जताई कि आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। वेंकैया ने सवाल किया कि जिन लोगों ने कलबुर्गी की हत्या की उन्हें जिम्मेदार मानने की बजाय उसे हिंदुत्व से क्यों जोड़ा जा रहा है।

नायडू ने कहा, ‘इन लेखकों ने कांग्रेस के शासनकाल में जब महाराष्ट्र में दाभोलकर की हत्या की गई थी, तब असहिष्णुता का मुद्दा क्यों नहीं उठाया था। क्यों वे कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक भी शब्द नहीं लिख रहे हैं जहां डॉ. कलबुर्गी की हत्या की गई। जब दादरी हत्याकांड हुआ तो उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार है। यह मुलायम सिंह की पार्टी की सरकार है। लेकिन कुछ लेखक इन सब घटनाओं के लिए पीएम मोदी पर हमला कर रहे हैं। मोदी का इन घटनाओं से क्या संबंध है।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये लेखक, जो मौन थे और आपातकाल और पूर्व में कांग्रेस सरकारों की गलतियों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं लिखा वो मोदी की उनकी चुप्पी पर आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस के शासनकाल में उन्हें कोई परेशानी नहीं थी।

वेंकैया ने तो यहां तक कहा कि यही वो चिंतक और लेखक है जो आपातकाल के दौरान लिखा करते थे कि ट्रेन समय से चल रही है और कानून व्यवस्था बढ़िया है। आज वो लोग कहते हैं कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। फिजा में उन्हें घुटन महसूस हो रही है। दरअसल नई व्यवस्था उन्हें रास नहीं आ रही है।

वेंकैया नायडू ने अभिनव भारत और श्री राम सेना से बीजेपी के किसी भी रिश्ते से इनकार किया। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना वेंकैया ने कहा कि जो लोग जात-पात धर्म की सियासत करते हैं, वो हमें देश को बांटने वाला कहते हैं जो ठीक नहीं है।

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