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पूरे विश्व में होती थी इस एक्ट्रेस की खूबसूरती की चर्चा, आखिरी वक्त में हो गई थीं पाई-पाई की मोहताज

हिंदी सिनेमा में कई ऐसी एक्ट्रेस रहीं जिन्होंने लोगों को ना सिर्फ अपनी बेजोड़ एक्टिंग का कायल बनाया बल्कि अपनी गजब की खूबसूरती से भी उन्हें अपने मोहपाश में बांधा। ऐसी ही एक एक्ट्रेस थीं लीला नायडू। 50 और 60 के दशक में लीला नायडू का खूब बोलबाला था।

1954 में फेमिना मिस इंडिया का ताज जीतकर वो चर्चा में थीं, साथ ही उसी दौरान वोग मैग्जीन की दुनियाभर में 10 सबसे ज्यादा खूबसूरत महिलाओं की लिस्ट में भी लीला नायडू का नाम था। 1960 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘अनुराधा’ से लीला नायडू ने अपना डेब्यू किया। ये फिल्म सफलता का स्वाद तो नहीं चख सकी, लेकिन इस फिल्म में लीला नायडू की एक्टिंग की जमकर तारीफ हुई। साथ ही इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड भी मिला।

इसके बाद लीला नायडू के पास फिल्मों की झड़ी लग गई, लेकिन उन्होंने अपने मन की सुनी और वही फिल्में चुनीं जिनकी गवाही उनके दिल ने दी। अपने करियर में लीला नायडू ने हर तरह के किरदार निभाए। उनकी कई फिल्में ऐसी हैं जिन्हें आज भी उनके बेजोड़ अभिनय के लिए याद किया जाता है, इनमें ‘ये रास्ते हैं प्यार के’. ‘उम्मीद, ‘आबरू’, ‘द गुरू’ जैसी फिल्में शामिल हैं।

हिंदी फिल्मों के अलावा लीला नायडू ने कुछ इंग्लिश फिल्मों में भी काम किया। 1964 में आई फिल्म ‘बागी’ की उनकी आखिरी हिंदी फिल्म थी। जहां लीला नायडू प्रोफेशनल लेवल पर सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहीं थीं तो वहीं उनकी निजी जिंदगी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा था। मात्र 17 साल की उम्र में ही लीला नायडू ने ओबेरॉय होटल के मालिक के बेटे से शादी कर ली थी, लेकिन उनकी ये शादी ज्यादा दिन नहीं चली।

शादी के कुछ साल बाद ही लीला नायडू का पति से तलाक हो गया। इसके बाद लीला नायडू ने मुंबई के रहने वाले एक कवि से शादी कर ली। ना जाने लीला नायडू की किस्मत कैसी थी। उनकी दूसरी शादी भी टूट गई। इससे लीला नायडू की जिंदगी उथल-पुथल भरी हो गई। उन्होंने खुद को सभी से अलग कर लिया और गुमनामी में जिंदगी बिताने लगीं। लीला नायडू ने घर से निकलना भी बंद कर दिया। उन्हें आर्थरायटिस की भी बीमारी थी जिसकी वजह से लीला नायडू को चलने-फिरने में दिक्कत होती थी। इसीलिए उन्होंने लोगों से मिलना भी बंद कर दिया।

जिसे भी मिलना होता वो लीला के घर पहुंच जाता। इसके अलावा लीला नायडू आर्थिक तंगी का भी शिकार हो गईं थीं और इसकी वजह से उन्हें अपने घर में किरायेदार रखने पड़े ताकि घर का खर्च चल सके। 2009 में उन्हें इन्फ्लूएंजा की बीमारी हुई जिसकी वजह से उनके फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया। 28 जुलाई 2009 को उनका निधन हो गया। आज लीला नायडू भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी एक्टिंग विरासत फिल्मों के रूप में आज भी हमारे बीच है।

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